दिल्ली पुलिस की जन संवाद पहल, जनकपुरी में डीसीपी ने सुनी जनता की बात

नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी में मंगलवार शाम दिल्ली पुलिस ने जनता से सीधे संवाद के लिए एक अनूठा कार्यक्रम आयोजित किया। ‘जन संवाद मुहिम’ के तहत पश्चिम जिला के डीसीपी दराडे शरद भास्कर ने स्थानीय लोगों की समस्याओं को सुनने और पुलिस-जन सहयोग को मजबूत करने का बीड़ा उठाया। MERI कॉलेज के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक, RWA, MWA, वरिष्ठ नागरिक और मार्केट एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल हुए।

डीसीपी दराडे शरद भास्कर ने कहा कि अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पुलिस और जनता के बीच बेहतर तालमेल जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सामुदायिक पुलिसिंग का मतलब सिर्फ कानून लागू करना नहीं, बल्कि जनता के साथ साझेदारी करना है। उन्होंने नागरिकों से किरायेदारों, ड्राइवरों, नौकरों और गार्डों का पुलिस सत्यापन कराने की अपील की। साथ ही, नशे या संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को देने का आग्रह किया, जिसमें सूचना देने वाले की गोपनीयता का भरोसा दिलाया।

कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने सड़क प्रकाश व्यवस्था, अवैध पार्किंग, ट्रैफिक जाम, असामाजिक गतिविधियों और आवासीय क्षेत्रों में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों जैसे मुद्दों को उठाया। डीसीपी ने हर शिकायत को गंभीरता से सुना और संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “ऐसी बैठकों का मकसद सिर्फ शिकायतें सुनना नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयासों से समाधान निकालना और पुलिस के प्रति जनता का भरोसा बढ़ाना है।”

डीसीपी ने CCTV कैमरों की कार्यक्षमता, पार्किंग प्रबंधन, अग्नि सुरक्षा, साइबर जागरूकता और महिला-वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने RWA प्रतिनिधियों से अपने क्षेत्रों में सुरक्षा ऑडिट कराने और पुलिस के साथ नियमित संपर्क बनाए रखने का अनुरोध किया।

पश्चिम जिला पुलिस की यह पहल यहीं नहीं रुकेगी। 8 अक्टूबर को मयापुरी, 9 अक्टूबर को तिलक नगर और 11 अक्टूबर को पंजाबी बाग में इसी तरह के जन संवाद कार्यक्रम आयोजित होंगे। डीसीपी ने कहा कि हर क्षेत्र की जनता की आवाज सीधे सुनी जाएगी, ताकि पुलिस और नागरिकों के बीच विश्वास का रिश्ता और मजबूत हो।

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