दिल्ली पुलिस ने साढ़े तीन घंटे में बाजार की भीड़ से गुम हुए दो भाइयों को मां से मिलाया

नई दिल्ली: दिल्ली के सदर बाजार की तंग गलियों और भीड़भाड़ में खोए दो नन्हे बच्चों को दिल्ली पुलिस ने महज साढ़े तीन घंटे में उनकी मां से मिला दिया। नेपाल से तिरुपति बालाजी मंदिर, हैदराबाद जा रहे एक परिवार के 9 और 5 साल के दो बच्चे 3 अक्टूबर को सदर बाजार में खरीदारी के दौरान अपनी मां से बिछड़ गए थे। बच्चों को हिंदी कम आती थी, जिसके चलते उनकी खोज और चुनौतीपूर्ण हो गई थी। लेकिन, दिल्ली पुलिस की ‘ऑपरेशन मिलाप’ के तहत सदर बाजार थाने की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज, वॉट्सऐप ग्रुप्स और स्थानीय लोगों की मदद से बच्चों को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर से ढूंढ निकाला।

उत्तरी जिला के डीसीपी राजा बंठिया ने बताया कि घटना 3 अक्टूबर की दोपहर करीब 1:30 बजे की है, जब नेपाल के रुपन्देही निवासी एस. त्रिपाठी अपने दो बेटों के साथ दिल्ली पहुंचीं। परिवार बिहार के रास्ते ट्रेन से दिल्ली आया था और उन्हें उसी दिन देर शाम नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से हैदराबाद के लिए ट्रेन पकड़नी थी। ट्रेन का इंतजार करने से पहले वे सदर बाजार में खरीदारी के लिए गए, जहां भीड़ में दोनों बच्चे मां से बिछड़ गए। घबराई मां ने दोपहर 4 बजे कुतब चौक पुलिस बूथ पर इसकी सूचना दी।

सदर बाजार थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर साहदेव सिंह तोमर उस समय त्योहारी सीजन को देखते हुए बाजार में गश्त पर थे। सूचना मिलते ही उन्होंने तुरंत कार्रवाई शुरू की। दो अन्य टीमें, इंस्पेक्टर राकेश कुमार और इंस्पेक्टर बाबूलाल की अगुवाई में, जिसमें हेड कांस्टेबल धीरेंद्र, कांस्टेबल प्रह्लाद, सतवीर और महिला कांस्टेबल अनीशा शामिल थे, बच्चों की तलाश में जुट गईं। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, बच्चों की तस्वीरें पुलिस और स्थानीय RWA/MWA के वॉट्सऐप ग्रुप्स में साझा कीं और स्थानीय लोगों से पूछताछ की।

डीसीपी ने बताया कि करीब साढ़े तीन घंटे की मेहनत रंग लाई और बच्चों को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर सीसीटीवी फुटेज के जरिए ढूंढ लिया गया। बच्चों ने पुलिस को बताया कि वे पैदल ही स्टेशन पहुंच गए थे, क्योंकि उन्हें पता था कि हैदराबाद के लिए ट्रेन वहीं से मिलेगी। सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बच्चों को उनकी मां से मिलाया गया। मां ने बच्चों को गले लगाते हुए दिल्ली पुलिस का दिल से आभार जताया।

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