कुख्यात हत्यारा परोल तोड़कर हुआ फरार, क्राइम ब्रांच ने हथियारों के साथ दबोचा धराया

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बार फिर अपनी तत्परता और सूझबूझ से कुख्यात अपराधी दीपक कुमार उर्फ संजय (36 वर्ष) को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। यह शातिर अपराधी, जिस पर हत्या, लूट और हथियारों से संबंधित नौ मामले दर्ज हैं, 2023 में परोल तोड़कर फरार हो गया था। क्राइम ब्रांच की इंटर स्टेट सेल (आईएससी) ने गुप्त सूचना के आधार पर आनंद विहार बस टर्मिनल पर जाल बिछाकर इसे धर दबोचा।

क्राइम ब्रांच के डीसीपी आदित्य गौतम ने बताया कि इंस्पेक्टर सतेंद्र खारी के नेतृत्व में और एसीपी रमेश लांबा की निगरानी में टीम ने 30 सितंबर को यह कार्रवाई की। सब-इंस्पेक्टर अमित कुमार को मिली पुख्ता जानकारी के आधार पर दीपक की गतिविधियों पर नजर रखी गई। आनंद विहार बस टर्मिनल पर घेराबंदी कर उसे पकड़ा गया। तलाशी के दौरान उसके पास से एक .32 बोर की अत्याधुनिक अवैध पिस्तौल और छह जिंदा कारतूस बरामद हुए।

आरोपी से पूछताछ के बाद क्राइम ब्रांच ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश में छापेमारी की, जहां से एक देसी कट्टा और दो अतिरिक्त जिंदा कारतूस बरामद किए गए। कुल मिलाकर, एक अत्याधुनिक पिस्तौल, एक देसी कट्टा और आठ जिंदा कारतूस जब्त किए गए। इस मामले में क्राइम ब्रांच थाने में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

अपराधी का काला इतिहास

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के गांव सूप का रहने वाला दीपक कुमार उर्फ संजय का आपराधिक रिकॉर्ड भयावह है। 2008 में हरियाणा के रोहतक में सुखपुरा चौक पर हत्या के मामले में उसे 20 साल की सजा हुई थी। परोल पर छूटने के बाद वह फरार हो गया और दिल्ली के नांगलोई के शिवराज पार्क में बस गया, जहां उसने शादी भी कर ली। 2015 में उसने अपने साथियों के साथ बागपत के सूप गांव के पास नहर पर दो लोगों की हत्या की। उसी साल, बाबा हरिदास नगर में अपने जेल सहयोगी सोहनबीर की लोहे की रॉड से पीटकर हत्या कर दी। इसके अलावा, वह निहाल विहार थाने के तहत स्कॉर्पियो कार चोरी के मामले में भी शामिल रहा।

दीपक के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कुल नौ मामले दर्ज हैं, जिनमें चार हत्याएं, दो लूट, दो आर्म्स एक्ट और एक चोरी का मामला शामिल है।

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