दिल्ली-एनसीआर में ड्रग्स तस्करों पर बड़ी चोट, ANTF ने की 1 करोड़ की मेथमफेटामाइन और एमडीएमए जब्त

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने दिल्ली और एनसीआर में सक्रिय एक बड़े ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस ऑपरेशन में 32 ग्राम मेथमफेटामाइन और 7 ग्राम एमडीएमए (टैबलेट्स) जब्त की गई, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 1 करोड़ रुपये आंकी गई है।

डीसीपी संजीव कुमार यादव ने बताया कि 2 सितंबर को ASI नरेश कुमार को वसंत कुंज के मसूदपुर गांव में ड्रग्स की एक बड़ी खेप की सूचना मिली। इसके आधार पर इंस्पेक्टर प्रवीण राठी की अगुवाई में एक टीम ने जाल बिछाया। मौके पर तजिंदरपाल सिंह उर्फ हैप्पी (30) और विक्रम सिंह भदौरिया (29) को 24 ग्राम मेथमफेटामाइन के साथ गिरफ्तार किया गया। इसके बाद, दिल्ली-एनसीआर में कई छापेमारी के बाद 4 सितंबर को तीसरे आरोपी कुंदन सिंह बिष्ट उर्फ के.डी. को वसंत कुंज से पकड़ा गया। उसके पास से 8 ग्राम मेथमफेटामाइन और 7 ग्राम एमडीएमए टैबलेट्स बरामद किए गए।

पुलिस जांच में पता चला कि तीनों आरोपी एक ही नेटवर्क का हिस्सा थे, जिसका संचालन सुरजीत उर्फ जीता नामक व्यक्ति करता था। सुरजीत के चंडीगढ़ में नारकोटिक्स केस में गिरफ्तार होने के बाद इन तीनों ने दिल्ली में ड्रग्स सप्लाई का जिम्मा संभाला।

डीसीपी ने बताया आरोपी तजिंदरपाल सिंह उर्फ हैप्पी पंजाब के अमृतसर का रहने वाला है, नॉटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा धारक है। 2014 में मलेशिया में काम कर चुका है। 2022 में भारत लौटने के बाद सुरजीत के संपर्क में आया और ड्रग्स तस्करी में शामिल हो गया। विक्रम सिंह भदौरिया मध्य प्रदेश के ग्वालियर का निवासी है, बीएससी ग्रेजुएट और दिल्ली में कैब ड्राइवर हैं। 2016 में सुरजीत और हैप्पी से मिला और बाद में ड्रग्स सप्लाई में शामिल हुआ। और कुंदन सिंह बिष्ट उर्फ के.डी उत्तराखंड के देहरादून का रहने वाला है, बीए और होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा धारक हैं। कोविड के दौरान नौकरी छूटने के बाद ड्रग्स तस्करी में शामिल हुआ।

इस मामले में क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन में NDPS एक्ट की धारा 22(b)/29 के तहत है। पुलिस का कहना है कि यह कार्टेल दिल्ली-एनसीआर में ड्रग्स का एक बड़ा नेटवर्क चला रहा था।

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