सस्ते हवाई टिकट का झांसा देकर चीनी नागरिकों के साथ मिलकर करते थे ठगी, पुलिस ने किया भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

नई दिल्ली: सस्ते हवाई टिकट का लालच देकर लोगों से लाखों रुपये ठगने वाले साइबर ठगों के एक रैकेट का दिल्ली पुलिस ने पर्दाफाश किया है। उतर जिले के साइबर पुलिस थाना ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान तनुज अग्रवाल (28) और तनवीर (30) के रूप में हुई हैं। जो टेलीग्राम ऐप के जरिए चीनी नागरिकों के साथ मिलकर ठगी का जाल बुन रहे थे। इस गिरोह ने दिल्ली के एक नागरिक से 50,000 रुपये ठगे, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की। जांच में सामने आया कि इस रैकेट से जुड़े बैंक खाते पर देशभर में 25 शिकायतें दर्ज हैं।

उत्तर जिला के डीसीपी राजा बंठिया ने बताया कि सिविल लाइंस निवासी डिक्सन सिंह ने राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (एनसीआरपी) पर शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने बताया कि वह अपने परिवार के साथ केरल जाने के लिए सस्ते हवाई टिकट की तलाश में थे। सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन देखकर उन्होंने संपर्क किया, जहां दिए गए नंबर पर बात करने के बाद उन्हें एक लिंक भेजा गया। लिंक पर क्लिक करते ही उनके खाते से 50,000 रुपये कट गए, लेकिन टिकट बुक नहीं हुआ। इस शिकायत के आधार पर साइबर थाना नॉर्थ में बीती 11 सितंबर को धारा 318(4) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर जिला पुलिस ने इंस्पेक्टर मनोज कुमार की अगुवाई में एक विशेष टीम गठित की। इस टीम में हेड कांस्टेबल कृष्ण और कांस्टेबल सतपाल शामिल थे। थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रोहित गहलोत की निगरानी और कार्यवाहक एसीपी विदुषी कौशिक के मार्गदर्शन में जांच शुरू हुई। तकनीकी निगरानी और बैंक खाते की जांच से पता चला कि ठगी की रकम इंडियन ओवरसीज बैंक के एक खाते में जमा हुई थी, जो यूटीएम टूरिज्म सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर था। इस कंपनी का संचालक तनुज अग्रवाल (28 वर्ष), राजस्थान के सिकर का रहने वाला था, जो वर्तमान में देहरादून में रह रहा था।

देहरादून से पहली गिरफ्तारी

पुलिस ने तकनीकी निगरानी के आधार पर देहरादून में छापा मारा और 16 सितंबर 2025 को तनुज अग्रवाल को गणपति एनक्लेव, सहस्त्रधारा रोड से गिरफ्तार किया। पूछताछ में तनुज ने बताया कि उसने अपना बैंक खाता तनवीर नामक व्यक्ति को दिया था, जो पहले उसके पड़ोस में रहता था और अब देहरादून में कहीं और रह रहा था। पुलिस ने तनवीर की तलाश तेज की और तकनीकी मदद से उसका ठिकाना उत्तर प्रदेश के देवबंद में पता चला। 18 सितंबर को तनवीर (30 वर्ष) को रेती चौक, पठानपुरा, देवबंद से गिरफ्तार किया गया।

चीनी कनेक्शन का खुलासा

तनवीर ने पूछताछ में सनसनीखेज खुलासा किया कि वह एक साल पहले टेलीग्राम ऐप के जरिए कुछ चीनी नागरिकों के संपर्क में आया था। इन लोगों ने उसे बैंक खाते उपलब्ध कराने के लिए 1 से 1.5 लाख रुपये प्रति खाता देने का लालच दिया। तनवीर ने देहरादून में अपने पड़ोसी तनुज को 65,000 रुपये देकर उसका बैंक खाता हासिल किया और उसे चीनी नागरिकों को सौंप दिया। इस खाते के जरिए ठगी की रकम जमा हो रही थी। तनवीर ने बताया कि उसका पुराना मोबाइल, जिससे वह टेलीग्राम पर बात करता था, टूट गया और उसने उसे फेंक दिया। अब उसे न तो पुराना टेलीग्राम आईडी याद है और न ही चीनी नागरिकों की जानकारी।

पुलिस ने आरोपियों के पास से यूटीएम टूरिज्म सर्विसेज के नाम पर एक चेकबुक और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। जांच में पता चला कि तनुज के बैंक खाते से जुड़ी 25 शिकायतें देश के अलग-अलग राज्यों में दर्ज हैं। पुलिस अब इस रैकेट के अन्य सदस्यों और चीनी नागरिकों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

आरोपी तनुज, राजस्थान के सिकर का रहने वाला है, देहरादून में टूर एंड ट्रैवल कंपनी चलाता है और लालच में अपना बैंक खाता तनवीर को दे दिया। तनवीर, देवबंद, उत्तर प्रदेश का निवासी हैं, अपने पिता की कृषि यंत्रों की दुकान पर काम करता है और आलीशान जीवन के लिए साइबर ठगी में शामिल हुआ।

उत्तर जिला के डीसीपी राजा बंठिया ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर सस्ते ऑफर्स के झांसे में न आएं। किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी सत्यता जांच लें। उन्होंने कहा कि साइबर ठग नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं, इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More