‘शूटआउट एट लोखंडवाला’ से प्रेरित गैंगस्टर ने बनाया माया गैंग, STF ने शूटआउट एट सरिता विहार में किया ढेर

नई दिल्ली: बॉलीवुड की एक्शन फिल्मों का क्राइम वर्ल्ड पर गहरा असर! ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’ के कुख्यात किरदार ‘माया’ से प्रेरित होकर 23 साल का सागर उर्फ माया ने अपना गैंग खड़ा कर लिया था, लेकिन दक्षिण-पूर्वी जिले की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने रातों-रात उसका खेल खत्म कर दिया। 22-23 सितंबर की मध्यरात्रि को सरिता विहार फ्लाईओवर पर चली मुठभेड़ में सागर को पैर में गोली लगी। पुलिस ने उसके कब्जे से .32 बोर की सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल, दो जिंदा कारतूस, तीन खाली कारतूस और एक चोरी की स्कूटी बरामद की। सागर के इस ‘माया गैंग’ ने अमर कॉलोनी इलाके में लूट, झपटमारी और गोलीबारी का राज कायम कर रखा था।

रात का धमाका: सूचना से शुरू हुई स्ट्राइक  

दक्षिण-पूर्वी जिले के डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया कि 22-23 सितंबर की रात करीब 11:45 बजे STF को गुप्त सूचना मिली कि ‘माया गैंग’ का सरगना कालिंदी कुंज रोड से सरिता विहार लूप की ओर आ रहा है। इंस्पेक्टर शिव कुमार और इंस्पेक्टर प्रमोद चौहान के नेतृत्व में बनी स्पेशल टीम ने सरिता विहार लूप के पास जाल बिछा दिया। जिसमें एसआई कुलदीप, राजेश शर्मा, जितेंद्र पंवार, सिकंदर, नसीर हुसैन, एएसआई सचिन कौशिक, तरुण शर्मा, गुरचरण सिंह, हवलदार मनोज राणा, कपिल, सिपाही वीरेंद्र सिंह, राहुल और आशीष शामिल थे।

कुछ ही देर में एक संदिग्ध स्कूटर पर सवार व्यक्ति दिखा, जिसकी ओर मुखबिर ने इशारा किया। पुलिस ने रुकने का इशारा किया, लेकिन सागर ने स्कूटर की स्पीड बढ़ा दी। टीम ने उसे घेर लिया। भागते हुए सागर ने स्कूटर गिरा दिया और पिस्तौल तानकर गोली चला दी। आत्मरक्षा में STF ने दो राउंड फायर किए, जिसमें एक गोली सागर के दाहिने पैर में लगी। घायल सागर को तुरंत सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। सागर अमर कॉलोनी की झुग्गी, नीम चौक का रहने वाला है। थाना सरिता विहार में आर्म्स एक्ट और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज हो गया है।

सागर का काला इतिहास: फिल्म से निकला ‘माया भाई’  

पूछताछ में सागर ने कबूल किया कि वह एक्शन फिल्मों का दीवाना है। ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’ में विवेक ओबेरॉय का किरदार ‘माया डोलास’ देखकर वह खुद को ‘माया भाई’ बनाने की फिराक में था। उसने ‘माया गैंग’ नाम से 10 सदस्यों का गिरोह खड़ा किया, जिसका लोगो है ‘माया, मौत का दूसरा नाम’। हर सदस्य के हाथ पर ‘मौत’ का टैटू है। सागर इलाके के छोटे-मोटे अपराधियों से भी ‘प्रोटेक्शन मनी’ वसूलता था। सोशल मीडिया पर वह पिस्तौल और चाकू की फोटो डालकर अपनी धाक बिठाता था।

सागर 20 सितंबर 2025 को अमर कॉलोनी में तीन साथियों के साथ हुई सशस्त्र डकैती का मास्टरमाइंड था। थाना अमर कॉलोनी का ‘बैड कैरेक्टर’ होने के बावजूद वह बेखौफ घूमता था। उसके खिलाफ लूट, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट से लेकर झपटमारी तक 20 आपराधिक मामले दर्ज हैं।

गिरोह का जाल: साथी अभी फरार  

सागर के गैंग के अन्य तीन सदस्य डकैती के मामले में पहले ही पकड़े जा चुके हैं, लेकिन बाकी फरार हैं। STF अब पूरे नेटवर्क को तोड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। डीसीपी तिवारी ने कहा, “सागर जैसे अपराधी युवाओं को गुमराह करते हैं। हमारा फोकस ऐसे गिरोहों को नेस्तनाबूद करना है।”

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