चिराग दिल्ली में क्राइम ब्रांच ने 2 करोड़ की MDMA के साथ नाइजीरियाई समेत दो पकड़े

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नशे के सौदागरों के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। साउथर्न रेंज की विशेष टीम ने दक्षिण और दक्षिण-पूर्व दिल्ली में सक्रिय ड्रग तस्करों के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए 202 ग्राम उच्च गुणवत्ता वाली MDMA (एक्सटसी) जब्त की, जिसकी बाजार में कीमत 2 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। इसके साथ ही चार साइकोट्रोपिक इंजेक्शन और आठ सिरिंज भी बरामद किए गए। इस ऑपरेशन में एक नाइजीरियाई नागरिक समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

क्राइम ब्रांच की साउथर्न रेंज ने ड्रग तस्करी पर नकेल कसने के लिए एक विशेष टीम गठित की थी, जिसमें इंस्पेक्टर राम प्रताप, एसआई अनुराग त्यागी, एएसआई विजुमोन, हेड कॉन्स्टेबल अरविंद, संजय, सोनवीर, विपिन, मनेंद्र, चरण, महिला कॉन्स्टेबल रेनू और शोभा शामिल थे। इस टीम की कमान इंस्पेक्टर विजय पाल दहिया के पास थी, जबकि एसीपी गिरीश कौशिक इस ऑपरेशन की निगरानी कर रहे थे।

17-18 सितंबर की रात को, चिराग दिल्ली के पास करीब 12:10 बजे, टीम ने काले शीशों वाली एक संदिग्ध कार को रोका। तलाशी के दौरान कार से 196 ग्राम MDMA, चार इंजेक्शन और आठ सिरिंज बरामद हुए। फोरेंसिक साइंस लैब के विशेषज्ञों ने बरामद माल को साइकोट्रोपिक पदार्थ के रूप में पुष्टि की। कार में सवार गोविंदपुरी निवासी आकाश कश्यप उर्फ AK उर्फ यो को तुरंत हिरासत में ले लिया गया।

पहला आरोपी, आकाश कश्यप, पहले से ही एक कुख्यात अपराधी है, जिसके खिलाफ हथियार अधिनियम सहित चार आपराधिक मामले दर्ज हैं। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह नाइजीरियाई नागरिक चिमे सेबेस्टियन से ड्रग्स की सप्लाई लेता था और दिल्ली में ग्राहकों को बेचता था। आकाश को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे पुलिस कस्टडी रिमांड में भेज दिया गया।

आकाश के बयान के आधार पर क्राइम ब्रांच ने चिमे सेबेस्टियन को पकड़ने की योजना बनाई। चिमे ने भागने की कोशिश की और अपने अपार्टमेंट की बालकनी से कूद गया, जिससे उसका पैर टूट गया। उसे सफदरजंग अस्पताल में इलाज के बाद गिरफ्तार किया गया। चिमे ने बताया कि वह अप्रैल 2024 में मेडिकल वीजा पर भारत आया था, जो अगस्त 2024 तक वैध था। इसके बाद वह अवैध रूप से भारत में रुका हुआ था। उसने यह भी कबूल किया कि वह खुद नशे का आदी है और खर्चे पूरे करने के लिए ड्रग्स की तस्करी शुरू की। उसने अपने एक अन्य नाइजीरियाई साथी को मुख्य सप्लायर के रूप में नामजद किया, जिसकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।

क्राइम ब्रांच के डीसीपी आदित्य गौतम ने बताया कि यह गिरफ्तारी नशे के कारोबार पर करारा प्रहार है। पुलिस अब इस सिलसिले में अन्य संदिग्धों की तलाश में जुटी है। डीसीपी ने कहा, “हमारा मकसद दिल्ली को नशा मुक्त करना है। इस दिशा में हमारी टीमें दिन-रात काम कर रही हैं।”

क्राइम ब्रांच इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि नाइजीरियाई नागरिकों का यह नेटवर्क दिल्ली और आसपास के इलाकों में कैसे काम कर रहा था। पुलिस ने विदेशी नागरिकों के वीजा और आव्रजन रिकॉर्ड की भी जांच शुरू कर दी है।

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