राष्ट्रीय जजमेंट
बाराबंकी: रामनगर तहसील के महादेवा में लोधेश्वर धाम के पास कुछ ऐसा हुआ, जिसने सबको हैरान कर दिया. कुछ ही देर में यहां सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई. दरअसल, सीएम सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट महादेवा कॉरिडोर निर्माण के लिए यहां जमीन की खोदाई और समतलीकरण का काम चल रहा है. इसी दौरान मजदूरों को मिट्टी में दबा एक घड़ा मिला. कौतूहलवश जब घड़े को खोला गया तो वह सिक्कों से भरा मिला. इसके बाद तो अफरातफरी मच गई. मजदूर आपस में ही भिड़ गए. सब अपना-अपना हक जताने लगे. शोर-शराबा होने पर प्रशासनिक अफसरों को भी भनक लग गई. फिलहाल, बेशकीमती खजाने को कब्जे में ले लिया गया है. सिक्के 100 साल से ज्यादा पुराने बताए जा रहे हैं.योगी सरकार महादेवा स्थित पौराणिक लोधेश्वर धाम को कॉरिडोर के रूप में विकसित कर रही है. कुल 147 मकान और दुकानें यहां से हटाई जानी हैं. इस प्रोजेक्ट पर करीब 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे. अब तक 60 से ज्यादा मकान-दुकानें अधिग्रहीत कर ध्वस्तीकरण किया जा चुका है. इसके साथ ही लगभग 48 करोड़ रुपये मुआवजा भी दिया जा चुका है. शेष संपत्तियों के अधिग्रहण का काम चल रहा है.इसी प्रोजेक्ट के तहत काम के दौरान गुरुवार शाम मंदिर के पीछे के हिस्से में जब मजदूर ईंटें हटा रहे थे तो उन्हें जमीन में एक घड़ा दबा मिला. मजदूरों ने सावधानीपूर्वक उस घड़े को बाहर निकाला. घड़े के के अंदर देखा तो सबकी आंखें फटी की फटी रह गईं. घड़ा सिक्कों से भरा था. मजदूरों को लगा कि सिक्के बेशकीमती और प्राचीन हैं. जब घड़ा मिला तो आसपास के मजूदरों को ही जानकारी थी. खजाना देख आपस में ही झगड़ा होने लगा. इससे आसपास काम कर रहे लोगों को भी खजाना मिलने की जानकारी हो गई. फिर क्या था, कुछ ही देर में वहां लोगों का मजमा लग गया.सूचना मिली तो चौकी इंचार्ज महादेवा अभिनंदन पांडेय ने मौके पर पहुंच गए. साथ ही प्रशासनिक अफसरों को जानकारी दी गई. कुछ ही देर में नायब तहसीलदार विजय प्रकाश तिवारी भी पहुंचे. स्थानीय लोगों के सामने घड़े से सिक्के निकाले गए और वहीं पर गिनती हुई. सफेद धातु के कुल 75 सिक्के निकले.तहसीलदार रामनगर विपुल कुमार सिंह ने बताया कि ये सिक्के 19 वीं सदी के लग रहे हैं. इन पर ब्रिटिश काल की विक्टोरिया स्टैम्प है. इस मामले में जॉइंट मजिस्ट्रेट रामनगर गुंजिता अग्रवाल ने बताया कि महादेवा कॉरिडोर निर्माण के लिए मन्दिर परिक्षेत्र में सीएनडीएस और पर्यटन विभाग द्वारा समतलीकरण का काम चल रहा था. उसी दौरान वहां से 19 वीं सदी के 75 सिक्के पाए गए हैं. ये चांदी के प्रतीत होते हैं. उन्हें सीलबंद कर ट्रेजरी में रखवा दिया गया है.क्या है लोधेश्वर का महत्वः बता दें कि मंदिर बाराबंकी के रामनगर तहसील के महादेवा गांव में स्थापित है. मान्यता है कि महाभारत काल में पांडवों ने इस मंदिर की स्थापना की थी. यहां का शिवलिंग 52 दुर्लभ शिवलिंगों में से एक है. इस वजह से सनातन धर्म में इस मंदिर की विशेष महत्ता है. सावन में यहां बड़ी संख्या में कांवड़िए दर्शन को आते हैं. यह यूपी के प्रमुख शिव मंदिरों में एक है.
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