‘लोकतंत्र को कुचलने वाले दे रहे उपदेश… दिखावे का करते हैं ऐलान’, अखिलेश यादव पर सुभासपा का हमला

राष्ट्रीय जजमेंट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में सियासी पारा तेजी से चढ़ रहा है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और सुभासपा के बीच चल रही जुबानी जंग ने माहौल गरमा दिया है। अखिलेश यादव के एक ट्वीट पर सुभासपा महासचिव अरुण राजभर ने करारा पलटवार करते हुए न सिर्फ उन्हें कटघरे में खड़ा किया, बल्कि AIMIM और सपा पर मिलकर बहुजन समाज को बांटने का गंभीर आरोप भी लगाया है।
अरुण राजभर ने कहा कि लोकतंत्र में केवल न्याय की शक्ति होती है, लेकिन हैरानी की बात है कि यह उपदेश वही शख्स दे रहा है, जिसने मुख्यमंत्री रहते हुए लोकतंत्र को कुचलने का काम किया। उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि आप दूसरों को लोकतंत्र की सीख देते हैं, जबकि आपके कार्यकाल में अन्याय और पक्षपात चरम पर था।
OP राजभर की लोकप्रियता बौखलाए अखिलेश- अरुण
अरुण राजभर ने आगे कहा कि अखिलेश यादव ने सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के जन्मदिन पर 100 रुपये की बात कहकर उनका अपमान किया है। यह बयान इस बात का सबूत है कि अखिलेश यादव ओमप्रकाश राजभर की बढ़ती लोकप्रियता से बौखला गए हैं। केस में घायल शूटर ने कहा, आया गैंगस्टर कनेक्शन
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अरुण राजभर ने तंज कसा कि सपा प्रमुख अपने कार्यालय में कुछ अतिपिछड़ी जातियों के लोगों को बुलाकर फोटो खिंचवाते हैं वहीं दिखावे के लिए लखनऊ रिवर फ्रंट पर महापुरुषों की मूर्तियां लगाने का एलान कर देते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब अखिलेश यादव पांच साल तक मुख्यमंत्री रहे, तब उन्हें महापुरुषों की याद क्यों नहीं आई? उन्होंने चुनौती देते हुए कहा पहले अपने बैनर-पोस्टर पर इन महापुरुषों को स्थान दें, तब मूर्ति लगाने की बात करें। वरना यह सब बहुजन समाज के साथ धोखा है।
राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने AIMIM नेता शौकत अली पर भी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि शौकत अली ने महाराजा सुहेलदेव राजभर जैसे राष्ट्र रक्षक पर अपमानजनक टिप्पणी की थी, जो सिर्फ सुहेलदेव ही नहीं, बल्कि पूरे बहुजन समाज और देश की अस्मिता का अपमान है। हैरानी की बात है कि इस मुद्दे पर अखिलेश यादव खामोश रहे और एक शब्द तक नहीं बोले।
सुभासपा महासचिव ने सपा पर AIMIM से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों पार्टियां दलित और पिछड़े वर्गों को बांटने का काम कर रही हैं। उन्होंने सपा के PDA फॉर्मूले को झूठा करार देते हुए कहा कि यह केवल वोट की राजनीति है। सपा का PDA फॉर्मूला जनता को गुमराह करने का हथकंडा है, असलियत में यह सिर्फ एक चुनावी जुमला है।

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