नीरज बवानिया गैंग को हथियार सप्लाई करने वाला मास्टरमाइंड समेत चार गिरफ्तार, 15 पिस्टल और 150 कारतूस बरामद

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े ऑपरेशन में अवैध हथियारों की तस्करी के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में 42 वर्षीय कुख्यात हथियार सप्लायर मोहम्मद शाजिद उर्फ राशिद सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया। उसके अन्य साथियों में 28 वर्षीय विशाल राणा उर्फ भोला, 32 वर्षीय अनिकेत उर्फ प्रदीप और 38 वर्षीय सौरभ ढींगरा उर्फ मैनी शामिल हैं। पुलिस ने इनके कब्जे से 15 अत्याधुनिक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल, 150 जिंदा कारतूस और 8 अतिरिक्त मैगजीन बरामद किए हैं। मुख्य आरोपी मोहम्मद शाजिद उर्फ राशिद का संबंध कुख्यात नीरज बवानिया गैंग, अफसर गैंग और दिल्ली-एनसीआर के अन्य आपराधिक गिरोहों से सामने आया है। यह रैकेट दिल्ली एनसीआर में बवानिया गैंग, अफसर गैंग और अन्य आपराधिक गिरोहों को हथियार सप्लाई कर रहा था। उसने स्वीकार किया कि अभी तक 100 से ज्यादा हथियार दिल्ली और एनसीआर में सप्लाई कर चुका है।

दिल्ली-एनसीआर में हाल के महीनों में गोलीबारी की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि ने पुलिस प्रशासन को सतर्क कर दिया था। इन घटनाओं ने न केवल आम जनता में दहशत पैदा की थी, बल्कि संगठित अपराध के बढ़ते खतरे को भी उजागर किया था। वरिष्ठ अधिकारियों के सख्त निर्देशों के बाद, क्राइम ब्रांच की उत्तरी रेंज-II ने अवैध हथियारों की सप्लाई करने वाले तस्करों पर नकेल कसने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया। इस अभियान के तहत, मैनुअल और तकनीकी खुफिया जानकारी जुटाने का काम तेज किया गया।

डीसीपी क्राइम ब्रांच हर्ष इंडोरा ने बताया कि 11 अगस्त की शाम को हेड कॉन्स्टेबल रामबीर को एक विश्वसनीय सूत्र से खुफिया जानकारी मिली कि एक शख्स, जो दिल्ली-एनसीआर में गैंगस्टरों और अन्य अपराधियों को बड़े पैमाने पर अवैध हथियार सप्लाई कर रहा है, नेताजी सुभाष प्लेस इलाके में सक्रिय है। इस सूचना को तुरंत इंस्पेक्टर नीरज कुमार शर्मा के साथ साझा किया गया। इंस्पेक्टर शर्मा ने बिना समय गंवाए एक विशेष टीम गठित की, जिसमें सब-इंस्पेक्टर बलराज, एएसआई शिव कुमार, एएसआई देवेंद्र, हेड कॉन्स्टेबल रामबीर, नवीन, विकास, अमित और कॉन्स्टेबल कृष्ण शामिल थे।

टीम ने तुरंत रणनीति बनाई और नेताजी सुभाष प्लेस डिस्ट्रिक्ट सेंटर के पास पार्किंग क्षेत्र में एक जाल बिछाया। देर रात, संदिग्ध वजीरपुर जेजे कॉलोनी निवासी मोहम्मद शाजिद अपनी हुंडई i20 कार में वहां पहुंचा। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे हिरासत में लिया और गाड़ी की गहन तलाशी शुरू की।

तलाशी के दौरान, कार से एक चौंकाने वाला जखीरा बरामद हुआ, जिसमें 10 अत्याधुनिक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल, 118 जिंदा कारतूस और 8 अतिरिक्त मैगजीन शामिल थे। ये हथियार इतने परिष्कृत थे कि इनका इस्तेमाल गंभीर अपराधों, जैसे हत्या, फिरौती और गैंग वार में आसानी से हो सकता था। बरामद हथियारों और गोला-बारूद को कानूनी प्रक्रिया के तहत जब्त कर लिया गया। इस मामले में क्राइम ब्रांच थाने में आर्म्स एक्ट की धारा 25(8) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।

शाजिद की निशानदेही पर तीन और गिरफ्तार 

मोहम्मद शाजिद की गिरफ्तारी के बाद उससे कई दौर की गहन पूछताछ की गई। पूछताछ में उसने सनसनीखेज खुलासे किए, जिसने पुलिस को इस तस्करी नेटवर्क की गहराई तक पहुंचने में मदद की। शाजिद ने बताया कि वह लंबे समय से मेरठ और मवाना (उत्तर प्रदेश) से अवैध हथियार खरीदकर दिल्ली-एनसीआर में नीरज बवानिया गैंग, अफसर गैंग और अन्य छोटे-बड़े आपराधिक गिरोहों को सप्लाई कर रहा था। उसकी जानकारी के आधार पर क्राइम ब्रांच ने एक विस्तृत ऑपरेशन शुरू किया।

इसके लिए एक बड़ी टीम गठित की गई, जिसमें सब-इंस्पेक्टर नरेंद्र पाल, प्रीतम सिंह, बलराज, प्रदीप गोदारा, एएसआई शिव कुमार, देवेंद्र, हेड कॉन्स्टेबल रामबीर, अमित, विकास, नवीन और कॉन्स्टेबल कृष्ण कुमार शामिल थे। इस टीम ने एसीपी नरेंद्र बेनीवाल की निगरानी में दिल्ली के विभिन्न इलाकों में छापेमारी की और तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया।

डीसीपी ने बताया कि 17 अगस्त को इंद्रपुरी से विशाल राणा उर्फ भोला को एक छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से 1 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल और 3 जिंदा कारतूस बरामद हुए। पूछताछ में उसने बताया कि वह शाजिद से हथियार लेकर छोटे अपराधियों को सप्लाई करता था। 9 सितंबर को राजौरी गार्डन से अनिकेत पकड़ा गया। उसके पास से 1 पिस्टल और 2 जिंदा कारतूस मिले। वह शाजिद के नेटवर्क का हिस्सा था और हथियारों की खरीद में शामिल था। और 13 सितंबर को कीर्ति नगर से सौरभ ढींगरा उर्फ मैनी को एक गुप्त ऑपरेशन में गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से 3 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल और 27 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। वह गैंगस्टरों के लिए हथियारों का प्रमुख खरीदार था।

इन तीनों की गिरफ्तारी से कुल 5 अतिरिक्त पिस्टल और 32 जिंदा कारतूस बरामद हुए। इस तरह, पूरे ऑपरेशन में 15 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल, 150 जिंदा कारतूस और 8 अतिरिक्त मैगजीन जब्त किए गए। यह दिल्ली में अवैध हथियारों की सबसे बड़ी बरामदगी में से एक है, जिसने अपराधियों के नेटवर्क को गहरा झटका दिया है।

शाजिद का आपराधिक साम्राज्य और तस्करी का धंधा

मोहम्मद शाजिद ने पुलिस पूछताछ में अपने आपराधिक साम्राज्य का खुलासा किया। उसने बताया कि वह 2012 से अपराध की दुनिया में सक्रिय है और अवैध हथियारों की तस्करी उसका मुख्य धंधा बन चुका था। उसका आपराधिक रिकॉर्ड लंबा और गंभीर है, जिसमें डकैती, आर्म्स एक्ट और हत्या के प्रयास जैसे मामले शामिल हैं। वह पहले पांच बार गिरफ्तार हो चुका है, जिनमें 2023 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा 8 अवैध हथियारों और गोला-बारूद के साथ उसकी गिरफ्तारी भी शामिल है। जेल से छूटने के बाद उसने फिर से तस्करी का धंधा शुरू कर दिया था।

शाजिद ने खुलासा किया कि उसने मेरठ और मवाना से अवैध हथियार खरीदकर दिल्ली में 100 से ज्यादा हथियार सप्लाई किए। वह प्रत्येक हथियार को 35,000-40,000 रुपये में खरीदता और उसे 50,000-60,000 रुपये में बेचता, जिससे उसे प्रति हथियार 15,000-20,000 रुपये का मुनाफा होता था। उसने बताया कि वह नीरज बवानिया गैंग, अफसर गैंग और अन्य छोटे-बड़े अपराधियों के लिए हथियारों की आपूर्ति करता था। इन हथियारों का इस्तेमाल फिरौती, हत्या, गैंग वार और अन्य संगठित अपराधों में किया जाता था।

मेरठ कनेक्शन और आगे की जांच

शाजिद ने पूछताछ में बताया कि वह मेरठ और मवाना (उत्तर प्रदेश) से अवैध हथियार खरीदता था। ये हथियार वह दिल्ली-एनसीआर में विभिन्न गैंगस्टरों और अपराधियों तक पहुंचाता था। पुलिस ने मेरठ में हथियारों के स्रोत की पहचान कर ली है और उनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष छापेमारी शुरू कर दी है।

क्राइम ब्रांच अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और मेरठ के सप्लायर्स को पकड़ने के लिए गहन जांच कर रही है। इसके लिए तकनीकी निगरानी, मोबाइल कॉल रिकॉर्ड विश्लेषण और खुफिया जानकारी का सहारा लिया जा रहा है। पुलिस को संदेह है कि इस नेटवर्क के तार उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों तक भी जुड़े हो सकते हैं। इसके लिए अंतरराज्यीय समन्वय स्थापित किया जा रहा है।

डीसीपी हर्ष इंडोरा ने कहा, “हमारी टीमें दिन-रात अपराधियों पर नजर रख रही हैं। यह ऑपरेशन हमारी सतर्कता, समर्पण और तकनीकी दक्षता का परिणाम है। हम सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली की सड़कें सुरक्षित रहें और कोई भी अपराधी कानून के शिकंजे से बच न सके।” क्राइम ब्रांच अब इस मामले में अन्य संदिग्धों की तलाश में जुटी है और मेरठ के हथियार सप्लायर्स को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चला रही है।

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