डॉक्टर को सेना के नाम पर लूटने वाला ठग धराया, 6.69 लाख की ठगी का भंडाफोड़, कार और मोबाइल जप्त

नई दिल्ली: दिल्ली के दक्षिणी जिला साइबर पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी के मामले को सुलझाते हुए कुख्यात अपराधी जालालुद्दीन उर्फ जाल्लू को गिरफ्तार किया है। यह ठग एक वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट को सेना के नाम पर 6.69 लाख रुपये की चपत लगाने में कामयाब रहा था। पुलिस ने उसके कब्जे से ठगी के पैसे से खरीदी गई एक कार, तीन मोबाइल फोन और क्रेडिट कार्ड सेटलमेंट से जुड़े 70,000 रुपये की एफडी जब्त की है।

दक्षिणी जिला के डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि बीती 30 अगस्त को अपोलो अस्पताल के एक वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट ने जिले के साइबर पुलिस थाना में शिकायत दर्ज की। शिकायतकर्ता ने बताया कि एक व्यक्ति ने खुद को सेना छावनी का अधिकारी बताकर 25 सैन्य कर्मियों के लिए 1,500 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से मेडिकल परामर्श की मांग की। भरोसा करके डॉक्टर ने चार लेनदेन में कुल 6,69,109 रुपये ट्रांसफर किए, जिसमें उनकी पत्नी के खाते से 70,525 रुपये और उनके अपने खाते से 5,98,584 रुपये शामिल थे। जब व्यवस्था नहीं हुई, तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद साइबर पुलिस थाने में बीएनएस की धारा 318(4)/319(2) के तहत मामला दर्ज किया गया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए इंस्पेक्टर हंसराज स्वामी, एसएचओ/साइबर दक्षिणी, के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें इंस्पेक्टर हंसा राम, एसआई उदय सिंह, एचसी विकास, एचसी तरुण, एचसी प्रवीण और एचसी नवीन शामिल थे। इस टीम ने एसीपी (ऑपरेशंस) अरविंद कुमार की देखरेख में जांच शुरू की।

पुलिस ने शिकायतकर्ता से विस्तृत पूछताछ की और डिजिटल फुटप्रिंट्स व कॉल रिकॉर्ड के तकनीकी विश्लेषण के जरिए ठग का पता राजस्थान के अलवर में लगाया। टीम ने तुरंत अलवर के खैरथल में छापा मारा और 33 वर्षीय जालालुद्दीन उर्फ जाल्लू को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपराध कबूल किया। उसके कब्जे से ठगी के पैसे से खरीदी गई एक कार, तीन मोबाइल फोन और 70,000 रुपये की एफडी जब्त की गई। बरामद मोबाइल फोन एनसीआरपी पोर्टल पर 26 अन्य शिकायतों से जुड़े पाए गए।

डीसीपी ने बताया कि जालालुद्दीन उर्फ जाल्लू, जो अलवर के खैरथल तिजारा के भिंदूसी गांव का रहने वाला है, पहले भी सात आपराधिक मामलों में शामिल रहा है। इनमें दिल्ली क्राइम ब्रांच, सिद्धार्थनगर, कुरुक्षेत्र और गुरुग्राम में दर्ज मामले शामिल हैं, जो धोखाधड़ी, जालसाजी, और आईटी एक्ट से संबंधित हैं। जांच अभी जारी है ताकि अन्य संभावित पीड़ितों और अपराधों का पता लगाया जा सके।

ठगी का तरीका

जालालुद्दीन ने खुद को सेना का अधिकारी बताकर शिकायतकर्ता का विश्वास जीता। उसने वीडियो कॉल के जरिए पहले से रिकॉर्ड किए गए सैन्य कर्मियों के वीडियो दिखाए। इसके बाद उसने क्रेडिट कार्ड के जरिए भुगतान का झांसा देकर शिकायतकर्ता से पैसे ट्रांसफर करवाए, जो उसने अपनी कार के लोन और क्रेडिट कार्ड सेटलमेंट के लिए इस्तेमाल किए।

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