दिल्ली में 2.5 लाख के लेनदेन ने ली जान: 1 की मौत, 6 गिरफ्तार, दो एफआईआर दर्ज

नई दिल्ली: दिल्ली के प्रेम नगर इलाके में पैसों के लेनदेन को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हुआ। मंगलवार को दोपहर करीब 3 बजे किरारी के प्रेम नगर-III, ए-ब्लॉक में हुई। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दो क्रॉस एफआईआर दर्ज की हैं और छह लोगों को गिरफ्तार किया है। मृतक की पत्नी की शिकायत पर तीन लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया, जबकि घायल व्यक्ति की शिकायत पर तीन अन्य के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज हुआ। जांच में सामने आया कि 2.5 लाख रुपये के लेनदेन को लेकर शुरू हुआ विवाद झगड़े में बदल गया, जिसमें पड़ोसी के दखल देने पर स्थिति और बिगड़ गई।

रोहिणी जिला के डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि 9 सितंबर को प्रेम नगर पुलिस स्टेशन में दोपहर 3 बजे एक पीसीआर कॉल आई, जिसमें किरारी के ए-ब्लॉक, प्रेम नगर-III में झगड़े की सूचना थी। पुलिस मौके पर पहुंची तो पता चला कि 2-3 लोग घायल हो चुके थे और उन्हें परिजन एसजीएम अस्पताल ले गए थे। जांच में खुलासा हुआ कि विवाद की जड़ जनवरी 2024 में हुआ 2.5 लाख रुपये का लेनदेन था। डेयरी मालिक कृष्ण कुमार ने अजय और उनके पिता आनंद कुमार के जरिए राजकुमार को यह रकम दी थी। राजकुमार पैसे लेकर फरार हो गया था। 9 सितंबर को जब कृष्ण ने राजकुमार का पता लगाया, तो अजय और आनंद के घर पर मीटिंग हुई, जो झगड़े में बदल गई।

झगड़े के दौरान पड़ोसी सुनील कुमार और उनकी पत्नी ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन स्थिति और बिगड़ गई। गुस्से में आकर दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमला किया। सुनील कुमार और आनंद कुमार को गंभीर चोटें आईं। सुनील को बाद में महाराजा अग्रसेन अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। आनंद कुमार का इलाज एसजीएम अस्पताल में चल रहा है। सुनील की पत्नी ने अजय, आनंद, सुमित्रा और पुष्पा पर हमले का आरोप लगाया, जिसके आधार पर पहला केस दर्ज हुआ। वहीं, आनंद ने कृष्ण धनखड़, उनकी पत्नी और हिमांशु पर लाठी-डंडों से हमले का आरोप लगाया, जिसके आधार पर दूसरा केस दर्ज हुआ।

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों मामलों में छह लोगों को गिरफ्तार किया। पहले मामले में पुष्पा, सुमित्रा और आनंद कुमार को हिरासत में लिया गया, जबकि दूसरे मामले में कृष्ण धनखड़, उनकी पत्नी और हिमांशु उर्फ मोनू को अरेस्ट किया गया। दोनों एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत दर्ज की गई हैं। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि विवाद के पीछे और कौन-कौन शामिल था और क्या कोई अन्य कारण भी था। मेडिको-लीगल रिपोर्ट्स और गवाहों के बयानों का विश्लेषण किया जा रहा है।

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