दिल्ली में कारोबार को मिलेगी ने नई रफ्तार: फैक्ट्री लाइसेंस और संपत्ति कर अब एक पोर्टल पर

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने व्यापार सुगमता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। बुधवार को सिविक सेंटर में महापौर सरदार राजा इक़बाल सिंह ने फैक्ट्री लाइसेंस शुल्क मॉड्यूल को संपत्ति कर पोर्टल के साथ एकीकृत करने की शुरुआत की। इस नई व्यवस्था से उद्यमियों को अब अलग-अलग लाइसेंस और कर के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। फैक्ट्री लाइसेंस शुल्क को वार्षिक संपत्ति कर का 5% तय किया गया है, और दोनों का भुगतान एक ही ऑनलाइन पोर्टल पर हो सकेगा।

‘इंस्पेक्टर राज’ पर प्रहार

महापौर सरदार राजा इक़बाल सिंह ने इसे ‘इंस्पेक्टर राज’ के खात्मे की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा, “यह पहल कारोबारियों के लिए राहतकारी है। सरल और पारदर्शी प्रक्रिया से दिल्ली में औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी।” लॉन्च के मौके पर उप महापौर जय भगवान यादव, स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा, उपाध्यक्ष सुंदर सिंह, नेता सदन प्रवेश वाही, निगम आयुक्त अश्वनी कुमार और अतिरिक्त आयुक्त वीर सिंह यादव मौजूद रहे।

स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने कहा, “एकल पोर्टल से उद्योगों को समय और संसाधनों की बचत होगी। यह एमसीडी की दूरदृष्टि का प्रतीक है।” अब औद्योगिक इकाइयों को अलग से फैक्ट्री लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होगी। शुल्क जमा करते ही डीम्ड लाइसेंस स्वतः जारी होगा, और निरीक्षण की जरूरत खत्म होगी। री-डेवलपमेंट या कंफर्मिंग एरिया में एमएसएमई रजिस्ट्रेशन या जीएनसीटीडी/डीएसआईआईडीसी के आवंटन/लीज पत्र को लाइसेंस के रूप में मान्यता मिलेगी।

उद्यमियों को राहत, राजस्व में इजाफा

पहले फैक्ट्री लाइसेंस और संपत्ति कर के लिए अलग-अलग प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था। अब एकल खिड़की व्यवस्था से अनुपालन का बोझ कम होगा। उद्यमियों को सिर्फ प्रदूषण, अग्नि सुरक्षा और अन्य जरूरी स्वीकृतियों का पालन करना होगा। वर्तमान में दिल्ली में 30,000 सक्रिय लाइसेंस हैं, और इस नई व्यवस्था से लाइसेंसों की संख्या और एमसीडी के राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद है।

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