गर्लफ्रेंड के भाई ने साथियों संग मिलकर की थी युवक की हत्या; लाश के टुकड़े करके सिर और धड़ अलग फेंका, चार आरोपी गिरफ्तार

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कानपुर: जिले के चकेरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत 29 अगस्त 2025 को अचानक संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुए 22 वर्षीय ऋषिकेश के शव को पुलिस ने 2 दिन बाद बरामद कर लिया. ऋषिकेश की हत्या प्रेम-प्रसंग के चलते की गई थी. डीसीपी ईस्ट ने सोमवार को इस वारदात का खुलासा किया. पुलिस ने इस मामले में चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ के बाद पुलिस ने इनको जेल भेज दिया.

प्रेम प्रसंग के चलते की गयी हत्या: डीसीपी ईस्ट सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि 30 अगस्त को चकेरी थाने में ऋषिकेश के भाई रवि ने बताया गया था कि उसका भाई 29 अगस्त की रात से लापता है. सुबह तक घर न लौटने और उसका मोबाइल नंबर लगातार बंद आने के चलते परिजनों ने उसकी हत्या की आशंका जतायी थी. ऋषिकेश के भाई रवि की तहरीर के आधार पर पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया. पुलिस की 6 टीमों ने इस मामले की गहनता से जांच पड़ताल शुरू की.

पुलिस ने 4 आरोपियों को किया गिरफ्तार: साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने जब इनसे सख्ती से पूछताछ की, तो ऋषिकेश की हत्या का खुलासा हो गया. पुलिस ने आरोपी मोगली उर्फ प्रिंस, निखिल, आकाश उर्फ आलू और रिशू वर्मा को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया.

लड़की के भाई ने रची थी हत्या की साजिश: डीसीपी ईस्ट सत्यजीत गुप्ता ने कहा कि पवन की बहन से ऋषिकेश का प्रेम प्रसंग था. पवन ने कई बार ऋषिकेश को समझाया, लेकिन वह नहीं माना. इसके बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर ऋषिकेश की हत्या का प्लान बनाया. ऋषिकेश को निखिल और मोगली ने 29 अगस्त को घर से बुलाया थे. इसके बाद उसे गणेश चतुर्थी पंडाल के पास ले गये.

पुलिस को हत्या के 4 अन्य आरोपियों की तलाश: वहां पर मौजूद बॉबी, डैनी, पवन, सत्यम, रिशु और आलू जबरन ऋषिकेश उर्फ सोना को बाइक पर बिठाकर काकोरी के जंगल (कैंट क्षेत्र) में लेकर गये. वहां आरोपियों ने ऋषिकेश के पहले पैर बांधे. इसके बाद उसको जमकर पीटा.

सिर और धड़ को अलग-अलग फेंका: फिर गला काटकर उसकी हत्या कर दी. आरोपी डैनी ने ऋषिकेश के शव को बोरे में डाला और फिर पवन ने ई-रिक्शा की मदद से शव को गंगा पुल पर ले जाकर सिर को अलग और धड़ को अलग फेंक दिया. इसके बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए.

31 अगस्त को मिली थी ऋषिकेश की लाश: डीसीपी ईस्ट ने कहा कि 31 अगस्त को पुलिस को महाराजपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक शव बरामद हुआ था. 1 सितंबर को शव की शिनाख्त ऋषिकेश के रूप में परिजनों ने कलावे और शरीर पर निशान के जरिए की. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस वारदात में शामिल चार अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है.

ऋषिकेश के भाई की शिकायत पर दर्ज हुई थी FIR: पुलिस ने लापता युवक के भाई की तहरीर पर 6 नामजद और करीब 14 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. एडीसीपी ईस्ट अंजलि विश्वकर्मा ने बताया, ऋषिकेश उर्फ सोनू जोकी शिवकटरा चकेरी का रहने वाला था. वह घर से गायब हो गया था. 29 अगस्त, 2025 की रात को 12 बजे अपने घर से गणेश चतुर्थी पंडाल में शामिल होने के लिए निकला था. उसके बाद घर नहीं लौटा.

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रकम डबल करने का चक्‍कर महंगा पड़ा, नोएडा के बुजुर्ग ने जीवनभर की कमाई इन्‍वेस्‍टमेंट फ्रॉड में गंवाई

नोएडा: रकम डबल करने के चक्कर में नोएडा के एक बुजुर्ग अपनी जीवनभर की कमाई गंवा बैठे। वॉट्सऐप पर संपर्क के बाद एक महिला ने उन्हें ग्रुप में जोड़कर 15 दिन तक फर्जी ट्रेनिंग दी। फिर छोटे अमाउंट में निवेश करना शुरू कराया। पीड़ित ने कई बार में 40 लाख रुपये ठगों के खातों में ट्रांसफर कर दिए। जब उन्होंने मुनाफे की रकम निकालने की कोशिश की तो 15 प्रतिशत टैक्स जमा करने को कहा गया। ठगी का अहसास होने पर उन्होंने साइबर थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
शाहबेरी के रहने वाले 63 साल के सूर्यमोहन धर ने बताया कि 2 जुलाई को एक महिला ने वॉट्सऐप पर उनसे संपर्क किया। खुद को एक कंपनी से बताकर स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए फंसाया। शुरुआत में महिला ने उन्हें शेयर खरीद-बिक्री के टिप्स दिए, जिससे कुछ मुनाफा भी हुआ।
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झांसे में आने के बाद उन्होंने 21 जुलाई से रकम डालनी शुरू कर दी। 12 अगस्त तक करीब 40 लाख 50 हजार रुपये अलग अलग खातों में जमा कर दिए। शुरुआत में वह केवल 5 हजार रुपये ही निकाल पाए। जब उन्होंने पूरी रकम निकालने की कोशिश की तो 12 लाख से ज्यादा के मुनाफे पर 15 फीसदी टैक्स की मांग की गई। पुलिस का कहना है कि केस दर्ज कर आरोपियों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। बैंक खातों की जांच कर उन्हें फ्रीज कराया जाएगा।ग्रुप में दिखाते थे लाभ
पीड़ित के मुताबिक, जिस वॉट्सऐप ग्रुप में उन्हें जोड़ा गया था, उसमें 136 लोग थे। ये लोग रोज सुबह और दोपहर एक-एक मेसेज भेजते थे। इसमें निवेश के बाद हुए मुनाफे का स्क्रीन शॉट डालते थे। इसी चक्कर में आकर पीड़ित को निवेश की रकम डबल करने का विचार आया। उन्होंने 17 बार में रकम ट्रांसफर की। 3 से 4 बार यूपीआई भी किया।

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