‘चुन्नी प्रसाद’ को लेकर हुई कहासुनी में कालकाजी मंदिर के सेंवादार की बेरहमी से हत्या, पांच गिरफ्तार

नई दिल्ली: दक्षिण-पूर्व दिल्ली के कालकाजी मंदिर में शुक्रवार रात उस समय हड़कंप मच गया, जब मंदिर के सेंवादार 35 वर्षीय योगेंद्र सिंह की कुछ लोगों ने लाठियों और मुक्कों से पिटाई कर दी। मामूली बात पर शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ा कि सेंवादार की जान ले ली गई। पुलिस ने इस हत्याकांड में चार आरोपियों और आरोपी को शरण देने के आरोप में एक को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य की तलाश में छापेमारी कर रही है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अतुल पांडे, मोहन उर्फ भूरा, कुलदीप बिधूड़ी, नितिन पांडे व उनके पिता अनिल कुमार के रूप में हुई हैं।

दक्षिण-पूर्व जिले के डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया कि शुक्रवार रात 9:30 बजे पुलिस कंट्रोल रूम को कालकाजी मंदिर में झगड़े की सूचना मिली। मौके पर पहुंची पुलिस को पता चला कि कुछ लोग दर्शन के लिए मंदिर आए थे। दर्शन के बाद उन्होंने सेंवादार योगेंद्र सिंह से ‘चुन्नी प्रसाद’ की मांग की। इसी बात पर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई, जो देखते ही देखते हिंसक झड़प में बदल गई। आरोपियों ने योगेंद्र पर लाठियों और मुक्कों से हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल सेंवादार को तुरंत एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके।

डीसीपी ने बताया कि घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने एक आरोपी, दक्षिणपुरी निवासी 30 वर्षीय अतुल पांडे को पकड़कर पुलिस के हवाले किया। शनिवार को पुलिस ने तुगलकाबाद निवासी 19 वर्षीय मोहन उर्फ भूरा, 20 वर्षीय कुलदीप बिधूड़ी, गोविंदपुरी निवासी 26 वर्षीय नितिन पांडे और नितिन के पिता 55 वर्षीय अनिल कुमार को गिरफ्तार किया। अनिल कुमार को आरोपी को शरण देने और पुलिस की गिरफ़्त से बचने में उसकी मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस घटना के संबंध में कालकाजी थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) और 3(5) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर आगे की जांच की जा रही हैं।

मृतक योगेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के फत्तेपुर गांव के रहने वाले थे। वह पिछले 14-15 साल से कालकाजी मंदिर में सेंवादार के तौर पर सेवा दे रहे थे। मंदिर में उनकी सादगी और भक्ति की चर्चा हर किसी की जुबान पर है। उनकी मौत से भक्तों और स्थानीय लोगों में गम और गुस्सा है।

कालकाजी मंदिर, जहां हर दिन हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं, वहां इस तरह की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भक्तों का कहना है कि मंदिर में भीड़ प्रबंधन और पुलिस गश्त को और मजबूत करने की जरूरत है।

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