गैंगस्टर के नाम पर की उगाही, थाईलैंड से व्हाट्सएप कॉल कर मांगे क्रिप्टो, एलएसई स्नातक सहित तीन में गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराध के एक हैरान करने वाले मामले में तीन आरोपियों को धर दबोचा, जिनमें लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) से मास्टर्स डिग्री प्राप्त एक शख्स भी शामिल है। भारी कर्ज के बोझ तले दबे इन तीनों ने थाईलैंड से व्हाट्सएप कॉल के जरिए धमकी देकर क्रिप्टोकरेंसी में उगाही की साजिश रची, लेकिन पुलिस की सतर्कता ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान 42 वर्षीय सुमित, 35 वर्षीय प्रिंस और 31 वर्षीय नितीश के रूप में हुई।

सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी निधिन वाल्सन ने बताया कि शिकायतकर्ता को एक अज्ञात अंतरराष्ट्रीय नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया। कॉलर ने खुद को कुख्यात गैंगस्टर बताकर धमकी दी और क्रिप्टोकरेंसी के लिए क्यूआर कोड भेजा, साथ ही शिकायतकर्ता के बच्चों को गोली मारने की धमकी दी। इस आधार पर धारा 308(4) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।

मामले की गंभीरता को देखते हुए देश बंधु गुप्ता रोड और साइबर थाने की दो अलग-अलग टीमें गठित की गईं, जिनका नेतृत्व एसीपी पहाड़गंज शौरभ ए. नरेंद्र ने किया। अतिरिक्त डीसीपी-II सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट प्रशांत चौधरी के मार्गदर्शन में एसएचओ डीबीजी रोड इंस्पेक्टर रणधीर सिंह, एसएचओ साइबर इंस्पेक्टर संदीप, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार, एसआई नवीन, एसआई राजेश, एचसी सुनीत, कांस्टेबल सौरभ और कांस्टेबल अनूप की टीम ने ऑपरेशन को अंजाम दिया।

साइबर टीम ने उन्नत तकनीकों और गृह मंत्रालय की आई4सी इकाई के सहयोग से व्हाट्सएप कॉल और क्रिप्टो क्यूआर कोड की उत्पत्ति को थाईलैंड तक खोज निकाला। दूसरी ओर, फील्ड सर्विलांस टीम ने भारत में संदिग्धों के ठिकानों पर कड़ी नजर रखी। जैसे ही आरोपी भारत लौटे, उन्हें करोल बाग से गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान पंजाबी बाग निवासी सुमित, रोशनारा रोड निवासी प्रिंस और डीएलएफ कैपिटल ग्रीन, एलएसई मास्टर्स नितीश के रूप में हुई। पुलिस ने उनके कब्जे से क्रिप्टो क्यूआर कोड बनाने और अंतरराष्ट्रीय कॉल के लिए इस्तेमाल दो मोबाइल फोन बरामद किए।

पूछताछ में पता चला कि तीनों भारी कर्ज में डूबे थे और आसान रास्ते से इसे चुकाने के लिए उन्होंने उगाही की साजिश रची। सुमित, जो ज्वैलरी व्यवसाय से जुड़ा है, शिकायतकर्ता के परिवार से परिचित था। भय पैदा करने के लिए उन्होंने एक कुख्यात गैंगस्टर का नाम लिया। पकड़े जाने से बचने के लिए तीनों थाईलैंड गए और वहां से अंतरराष्ट्रीय सिम कार्ड खरीदकर व्हाट्सएप कॉल किए।

सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी निधिन वाल्सन, ने बताया कि उन्नत साइबर उपकरणों और समन्वित कार्रवाई के जरिए इस अपराध का पर्दाफाश किया गया। यह मामला डिजिटल युग में साइबर अपराधों की बढ़ती चुनौतियों को दर्शाता है। पुलिस ने चेतावनी दी कि साइबर अपराधियों के खिलाफ उनकी कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।

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