कांवड़ यात्रा के लिए नमो भारत ट्रेन की फ्रीक्वेंसी बढ़ी, अब हर 10 मिनट में मिलेगी ट्रेन

नई दिल्ली: सावन के पावन महीने में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने यात्रियों और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर चलने वाली नमो भारत ट्रेन की फ्रीक्वेंसी को 11 जुलाई से बढ़ा दिया गया है। अब यह सेमी हाई-स्पीड ट्रेन न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ के बीच 15 मिनट के बजाय हर 10 मिनट के अंतराल पर चलेगी। यह सुविधा विशेष रूप से सुबह 8 से 11 बजे और शाम 5 से 8 बजे तक उपलब्ध होगी, ताकि कांवड़ यात्रियों को आवागमन में आसानी हो।

कांवड़ यात्रा के लिए विशेष व्यवस्था

सावन मास की शुरुआत 11 जुलाई, शुक्रवार से हो रही है, और इस दौरान दिल्ली, मेरठ, गाजियाबाद सहित आसपास के क्षेत्रों से लाखों श्रद्धालु हरिद्वार से कांवड़ लाने के लिए यात्रा करते हैं। इस भीड़ को देखते हुए सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ जाता है, और मेरठ में भारी वाहनों व बसों का प्रवेश भी कुछ समय के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाता है। ऐसे में नमो भारत ट्रेन की बढ़ी हुई फ्रीक्वेंसी श्रद्धालुओं के लिए वरदान साबित होगी। वर्तमान में यह ट्रेन 55 किलोमीटर के खंड पर 11 स्टेशनों को जोड़ती है, और इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब तक 1.25 करोड़ से अधिक यात्री इसकी सवारी कर चुके हैं।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा पर जोर

एनसीआरटीसी ने कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। मेरठ में नमो भारत और मेरठ मेट्रो से जुड़े निर्माण कार्य प्रगति पर हैं, और इस दौरान स्टेशनों व साइट्स को पूरी तरह सुरक्षित रखने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यातायात प्रबंधन के लिए प्रमुख स्थानों पर ट्रैफिक मार्शल तैनात किए जाएंगे, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। सभी स्टेशनों और उनके आसपास पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की गई है, जिससे रात के समय भी श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।

इसके अलावा, नमो भारत के अलाइनमेंट से गुजरने वाली सड़कों पर गड्ढों और क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत का कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों को रोक दिया गया है, और स्टेशनों या साइट्स के आसपास वाहन पार्किंग पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। एनसीआरटीसी स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर हर संभव तरीके से श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सहायता के लिए प्रयासरत है।

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