भारती नगर बना एनडीएमसी की दूसरी ‘अनुपम कॉलोनी’, स्वच्छता और हरित भविष्य की दिशा में बड़ा कदम

नई दिल्ली: नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। गुरुवार को भारती नगर को एनडीएमसी के अधिकार क्षेत्र में दूसरी ‘अनुपम कॉलोनी’ घोषित किया गया। यह घोषणा एनडीएमसी के अध्यक्ष केशव चंद्रा ने भारती नगर में आयोजित एक प्रेरणादायक समारोह में की। ‘एक स्वच्छ और हरित कल के लिए एक साथ’ के दृष्टिकोण के साथ शुरू की गई ‘अनुपम कॉलोनी’ पहल के तहत यह कदम न केवल स्वच्छता के क्षेत्र में सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देता है, बल्कि सतत शहरी विकास के लिए भी एक नया मानक स्थापित करता है।

पिछले महीने चाणक्यपुरी-डी1डी2 ऑफिसर्स फ्लैट्स और सत्य सदन को पहली अनुपम कॉलोनी घोषित किए जाने के बाद, अब भारती नगर भी इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल हो गया है। यह उपलब्धि अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण में नवाचार को अपनाने की दिशा में निवासियों और एनडीएमसी के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। समारोह में एनडीएमसी के सचिव डॉ. तारिक थॉमस, स्वच्छता सलाहकार राजीव कुमार जैन, अन्य वरिष्ठ अधिकारी और स्थानीय रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

केशव चंद्रा ने समारोह में भारती नगर के निवासियों द्वारा अपनाई गई अनूठी स्वच्छता पहलों की सराहना की। इनमें घरों में कचरे को स्रोत पर ही पूरी तरह से अलग किया जा रहा है, जिससे अपशिष्ट प्रबंधन की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाया गया है। घरों से निकलने वाले गीले कचरे को मौके पर ही खाद में बदला जा रहा है, जिससे जैविक खाद का उपयोग बागवानी में हो रहा है। आरडब्ल्यूए और एनडीएमसी के सहयोग से बागवानी कचरे का मौके पर ही प्रसंस्करण किया जा रहा है, जिससे कचरे का निपटान पर्यावरण के अनुकूल हो रहा है। सूखे कचरे को 10 अलग-अलग श्रेणियों में सावधानीपूर्वक वर्गीकृत कर पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग के लिए भेजा जा रहा है। रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल केंद्र के साथ-साथ ‘नेकी की दीवार’ पहल के तहत पुन: प्रयोज्य वस्तुओं को जरूरतमंद लोगों के लिए दान किया जा रहा है।

केशव चंद्रा ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि ‘अनुपम कॉलोनी’ मॉडल सामुदायिक भागीदारी और मजबूत नागरिक बुनियादी ढांचे का एक शानदार उदाहरण है। उन्होंने कहा, “भारती नगर के निवासियों ने यह साबित कर दिखाया है कि जब नागरिक और प्रशासन मिलकर काम करते हैं, तो शहरी स्वच्छता और स्थिरता में क्रांतिकारी बदलाव लाया जा सकता है। यह मॉडल न केवल दिल्ली, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है।”

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