पुलिसकर्मी बनकर बीमा दफ्तर में लूट को दिया था अंजाम, पुलिस ने आठ को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस का पूर्वी जिले के स्पेशल स्टाफ और लक्ष्मी नगर थाना की संयुक्त टीम ने चौबीस घंटे के भीतर एक फर्जी पुलिस गैंग के आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। इस गैंग ने लक्ष्मी नगर में एक इंश्योरेंस पॉलिसी कार्यालय में फर्जी पुलिसकर्मी बनकर रेड डालकर लूटपाट की थी। पुलिस ने लूटी गई नकदी, एक लैपटॉप, तीन मोबाइल फोन और अपराध में इस्तेमाल दो कारें बरामद की हैं।

पूर्वी जिले के डीसीपी अभिषेक धनिया ने बताया कि 27 जून को सलमान ने शिकायत दर्ज की कि 26 जून को चार लोग, खुद को पुलिस की स्पेशल स्टाफ यूनिट का सदस्य बताकर उनके लक्ष्मी नगर स्थित इंश्योरेंस कार्यालय में घुसे, उनके मोबाइल फोन और लैपटॉप छीन लिए। इसके बाद, उन्होंने सलमान को एक कार में जबरन ले जाकर शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया और फर्जी इंश्योरेंस मामले में फंसाने की धमकी देकर 1.5 लाख रुपये की उगाही की, जिसमें 70 हजार रुपये उनके खाते में ट्रांसफर करवाए गए। इस शिकायत के आधार पर लक्ष्मी नगर थाने में 28 जून को मामला दर्ज किया गया।

अपराध की गंभीरता को देखते हुए जिले के स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर जितेंद्र मलिक के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। टीम ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज का गहन विश्लेषण किया और तकनीकी जानकारी के आधार पर 28 जून की रात नोएडा लिंक रोड पर अपराध में इस्तेमाल कार के साथ पांच फरार आरोपियों को पकड़ा। बाद में, संयुक्त ऑपरेशन में तीन अन्य आरोपियों को दिल्ली के विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने दूसरी कार, लूटी गई नकदी, लैपटॉप और मोबाइल फोन भी बरामद किए।

डीसीपी ने बताया कि आरोपियों की पहचान शास्त्री पार्क निवासी हनी कुमार (31 वर्ष), रोहिणी निवासी सनी शर्मा (28 वर्ष), कराला निवासी अंकित जैन (32 वर्ष), पीतमपुरा निवासी विक्रम सिंह (35 वर्ष), करावल नगर निवासी राहुल गुप्ता (27 वर्ष), उत्सव विहार निवासी राहुल यादव उर्फ बादाम (27 वर्ष), रामा विहार निवासी अनिल कांत (33 वर्ष), रामा विहार निवासी जीतपाल (42 वर्ष) के रूप में हुई हैं।

पूछताछ में पता चला कि आरोपी हनी कुमार शिकायतकर्ता का पूर्व कर्मचारी था और दो सप्ताह पहले नौकरी छोड़ चुका था, ने व्यक्तिगत रंजिश के चलते सनी शर्मा को कार्यालय की आंतरिक जानकारी दी। सनी शर्मा ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इस लूट की योजना बनाई। गैंग ने पुलिस कर्मियों का रूप धरकर पीड़ित को डराया और फर्जी इंश्योरेंस मामले में फंसाने की धमकी देकर पैसे ऐंठे। मामले की जांच जारी हैं।

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