Bengal Violence पर हाई कोर्ट का बड़ा आदेश, मुशिर्दाबाद के हिंसाग्रस्त इलाकों हो केंद्रीय बलों की तैनाती

राष्ट्रीय जजमेंट

कलकत्ता हाई कोर्ट ने हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया। पुलिस ने आज बताया कि पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में भड़की हिंसा के सिलसिले में 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 11 अप्रैल को नए कानून को लेकर मालदा, मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों में हिंसा भड़कने के कारण पुलिस वैन सहित कई वाहनों को आग लगा दी गई, सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके गए और सड़कें जाम कर दी गईं। इन सभी जिलों में छापेमारी चल रही है और मुर्शिदाबाद में 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा के सिलसिले में सुती से करीब 70 लोगों और समसेरगंज से 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि हिंसा प्रभावित इन जगहों पर शनिवार सुबह स्थिति तनावपूर्ण रही, लेकिन किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और हिंसा वाले स्थानों पर इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। एक अधिकारी ने कहा कि सुती और समसेरगंज इलाकों में गश्त जारी है। किसी को भी कहीं भी इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है। हम कानून और व्यवस्था की स्थिति को बाधित करने के किसी भी प्रयास की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने लोगों से सोशल मीडिया पर अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। इस बीच, पुलिस ने बताया कि सुती में झड़प के दौरान कथित तौर पर पुलिस की गोलीबारी में घायल हुए एक किशोर को कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिन जिलों में हिंसा हुई, उनमें मुस्लिम आबादी काफी है। भाजपा ने ममता बनर्जी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अगर वह स्थिति को संभालने में असमर्थ है, तो उसे केंद्र से मदद मांगनी चाहिए। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह ज्ञात हो कि यह विरोध का कार्य नहीं था, बल्कि हिंसा का एक पूर्व नियोजित कृत्य था, जिहादी ताकतों द्वारा लोकतंत्र और शासन पर हमला था, जो अपने प्रभुत्व का दावा करने और हमारे समाज के अन्य समुदायों में भय पैदा करने के लिए अराजकता फैलाना चाहते हैं।

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