रमजान के चलते मुस्लिम धर्मगुरु ने चुनाव आयोग से तारीख बदलने की मांग की

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रमजान 5 मई से शुरू हो रहे हैं आखिरी तीन चरणों का मतदान रमजान के बीच में होगा, जिसको लेकर सवाल उठ रहे हैं।
लोकसभा की कुल 543 सीटों में से 169 सीटों पर रमजान के दौरान वोटिंग होगी. इसमें यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल और दिल्ली की ज्यादातर सीटों पर आखिरी तीन चरण में ही मतदान होना है. इसी बहाने कुछ विपक्षी दल केंद्र सरकार के प्रभाव का आरोप लगाते हुए चुनाव ऐलान की टाइमिंग पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
रमजान के दौरान मुस्लिम समाज के लोग सुबह से शाम तक कुछ खाए बिना रोजा रखते हैं, ऐसे में ये सवाल उठाए जाने लगे हैं कि रोजे और भीषण गर्मी के दौरान मुस्लिम मतदाता घंटों तक लाइन में लगकर कैसे वोटिंग में हिस्सा ले पाएंगे?
अगर ऐसा हुआ तो इन प्रदेशों के मुस्लिम बहुल इलाकों में वोटिंग का प्रतिशत कम रह सकता है। ऐसे में मुस्लिम वोटर जिन पार्टियों को भी वोट देते हैं, उनकी विरोधी पार्टी के उम्मीदवारों को इसका फायदा हो सकता है।

मुस्लिम धर्मगुरू मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी 6 मई से 19 मई के बीच होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि 5 मई को मुस्लिमों के सबसे पाक महीने रमजान का चांद देखा जाएगा।
अगर चांद दिख जाता है तो 6 मई से रोजे शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि रोजे के दौरान देश में 6 मई, 12 मई और 19 मई को मतदान होगा, जिससे देश के करोड़ों रोजेदारों को परेशानी होगी. मौलाना खालिद रशीद फिरंगी ने चुनाव आयोग से 6, 12 और 19 मई को होने वाली वोटिंग की तारीख बदलने की मांग की है।
2019 का लोकसभा चुनाव 7 चरणों में कराया जाएगा. 11 अप्रैल को पहला चरण, 18 अप्रैल को दूसरा, 23 अप्रैल को तीसरा, 29 अप्रैल को चौथा, 6 मई को पांचवां, 12 मई को छठा और 19 मई को सातवें चरण की वोटिंग होगी।
हालांकि मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनाव का ऐलान करते समय कहा था कि पर्व-त्योहारों को ध्यान रखते हुए लोकसभा चुनाव की तारीखें तय की गई हैं।

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