शहीद मनजिंदर एक दिन पहले ही बुजुर्ग पिता से मिलकर गया था

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गुरदासपुर। पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों में पंजाब के गुरदासपुर जिले का भी एक जवान शामिल था। 27 साल के मनजिंदर एक दिन पहले ही छुट्‌टी से ड्यूटी पर लौटे थे। उनके पिता को बेटे की शहादत पर गर्व भी है और गम भी।
साथ ही इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर गुस्सा भी उनकी आंखों में है। वह कहते हैं-भारत सरकार को पाकिस्तान से शहीदों के खून का बदला जल्द से जल्द लेना चाहिए। उसके बाद ही उनके बेटे की आत्मा और परिवार को इंसाफ मिल पाएगा। देश के वीरों का सही मायने में सम्मान हो पाएगा।
जिले के कस्बा दीनानगर में आर्य नगर के रहने वाले सतपाल सिंह पंजाब रोडवेज से रिटायर हो चुके हैं। उनके दो बेटे थे। पत्नी की कुछ बरस पहले मौत हो चुकी है, जिसके चलते बुजुर्ग सतपाल अब अकेले रहते हैं। डिग्री होल्डर बेटा मनिंदर सिंह एक साल पहले सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। भरे मन से सतपाल ने बताया कि बुधवार को ही सुबह साढ़े 5 बजे उनका बेटा उनसे मिलकर गया था। जाते वक्त वह बेहद खुश था। यहां से जाने के बाद दोपहर बाद वह जम्मू पहुंच गया, जिसके बाद बात हुई थी।

शहीद मनजिंदर

इसके बाद गुरुवार दोपहर बाद करीब सवा 3 बजे जैसे ही सीआरपीएफ के काफिले पर हमला होने की सूचना मिली, परिवार के लोगों के मन पर चिंता के बादल छा गए। रात करीब 12 बजे एक अफसर का फोन आया, जिन्होंने मनिंदर के इस दर्दनाक घटना में शहीद हो जाने की सूचना दी।
दूसरी ओर मनिंदर की भाभी ने Dainik Bhaskar से बात करते हुए कहा कि उन्हें अभी तक यही लग रहा है, उनका बच्चा जिस तरह से परसों गया था, उसी तरह हंसी-खुशी वापस लौट आएगा।
इसके अलावा जब सरकार के लिए संदेश की बात की गई तो मनिंदर के पिता और भाभी ने कहा कि भारत सरकार को पाकिस्तान से शहीदों के खून का बदला जल्द से जल्द लेना चाहिए। उसके बाद ही उनके बेटे की आत्मा और परिवार को इंसाफ मिल पाएगा। देश के वीरों का सही मायने में सम्मान हो पाएगा।

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