नई दिल्ली: दिल्ली के हिंदू राव हॉस्पिटल से कंप्यूटर चोरी के मामले को सब्जी मंडी थाना पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने मामले में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से सात कम्प्यूटर बरामद किए हैं। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान 27 वर्षीय रविंदर कुमार उर्फ लाला निवासी सिंगलपुर, शालीमार बाग और 30 वर्षीय सनी निवासी रोहिणी के रुप में हुई है। जिनमें सनी इसी अस्पताल में बायो केमिस्ट्री में अनुबंध पर लैब अटेंडेंट हैं।
नार्थ जिले के डीसीपी मनोज कुमार मीना ने बताया कि 12 फरवरी को बाड़ा हिंदू राव अस्पताल के सीएमओ ने सात कंप्यूटरों की चोरी के संबंध में सब्जी मंडी थाने में एक ऑनलाइन ई-एफआईआर दर्ज कराई थी। मामले की गंभीरता तो देखते हुए टीम का गठन किया गया। टीम ने हिंदू राव अस्पताल के परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच और विश्लेषण किया गया। एक सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध कार और हुडी से चेहरा ढके एक व्यक्ति को देखा गया। यह भी पता चला कि कार में एक से अधिक लोग मौजूद थे, लेकिन दूसरा व्यक्ति नजर नहीं आ रहा था।
कार की रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट पर केवल डीएल था और कार नंबर के आखिरी दो अंक दिखाई दे रहे थे। ऐसी सभी सिल्वर रंग की कारों का विवरण लिया किया गया। ये कार दिल्ली के शालीमार बाग निवासी एक वृद्ध महिला के नाम पर पंजीकृत पाया गया, जिसका रिकॉर्ड पर मौजूद सीसीटीवी फुटेज से मिलान किया गया। टीम तुरंत शालीमार बाग पहुंची, जहां पीतम पुरा, दिल्ली निवासी आकाश ने उक्त कार दिखाई। लेकिन कार की नंबर प्लेट सही हालत में मिली। उन्होंने बताया कि कार उनकी मां के नाम पर पंजीकृत है, जो इस समय विदेश में हैं। उसने बताया कि कुछ दिन पहले उसकी कार उसके एक परिचित सनी ने अपने निजी इस्तेमाल के लिए ली थी। उनकी मदद से सन्नी को सुबह उसके घर से पकड़ लिया गया। वह अनुबंध के आधार पर दिल्ली के बारा हिंदू राव अस्पताल में बायो केमिस्ट्री में लैब अटेंडेंट है।
डीसीपी ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी सनी ने खुलासा किया कि उसने अपने दोस्त रविंदर की मदद से चोरी को अंजाम दिया था। उसने 11/12 फरवरी की मध्यरात्रि को अस्पताल के डीन कार्यालय का ताला तोड़कर नए खरीदे गए कंप्यूटरों की चोरी की घटना को अंजाम दिया था। इसके अलावा, उसने खुलासा किया कि खुले बाजार में कंप्यूटर की कीमत लगभग सात लाख रुपये थी, इसलिए वह जल्दी पैसा कमाने के लालच में आ गया, इसलिए उसने अपने दोस्त के साथ चोरी करने की योजना बनाई और उन दोनों ने योजना को अंजाम दिया। उसकी निशानदेही पर चोरी किए गए सभी सात कंप्यूटर बरामद कर पुलिस के कब्जे में ले लिए गए हैं। उसके साथी, ड्राइवर रविंदर कुमार को भी उसके घर से पकड़ लिया गया। उन्होंने कार के पंजीकरण नंबर प्लेट के मध्य अंक पर काले रंग का टेप चिपका दिया था। अपराध में प्रयुक्त कार बरामद कर ली है। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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