रांची। राज्य भर के 70 हजार पुलिसकर्मी अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर मंगलवार से आंदोलन पर चले गए। इस दौरान पुलिस कर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर ड्यूटी करते दिख रहे हैं।
आंदोलन शुरू होने से पूर्व सोमवार को झारखंड पुलिस एसोसिएशन, झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन और झारखंड पुलिस चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ की बैठक पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों के साथ हुई थी। जिसमें तीनों संघों के प्रतिनिधियों के अलावा पुलिस उप महानिरीक्षक, महानिरीक्षक, अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी व गृह विभाग के विशेष सचिव इकबाल आलम अंसारी उपस्थित थे।
पुलिस कर्मियों ने कहा कि उनकी मांगों पर विचार नहीं हुआ तो द्वितीय चरण में 20 फरवरी को सभी पुलिसकर्मी अपने-अपने मुख्यालय के सामने सामूहिक उपवास पर रहेंगे। इसके बावजूद उनकी मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन के तृतीय चरण में 28 फरवरी से चार मार्च तक सभी पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे।
बैठक में सात सूत्री मांगों पर चर्चा हुई। एसोसिएशन के सदस्यों को गृह विभाग के विशेष सचिव इकबाल आलम अंसारी ने सभी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद एसोसिएशन द्वारा कहा गया था कि जब तक इन आश्वासनों पर आदेश या अधिसूचना जारी नहीं हो जाती तब तक
आंदोलन जारी रहेगा। बैठक में झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह व महामंत्री अक्षय राम, झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार व महामंत्री रमेश उरांव और झारखंड पुलिस चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ की अध्यक्ष कुमारी चंदा व महामंत्री सुधार थापा उपस्थित थे।
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सीमित सेवा परीक्षा नियमावली पर चर्चा की गई और संघ की ओर से इससे होने वाले हानियों की चर्चा की गई। इस पर विशेष सचिव ने विचार करने का आश्वासन दिया।
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13 माह का वेतन के संबंध में बताया गया कि ये अंतिम चरण में है। शीध्र कैबिनेट में भेजा जाएगा।
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सातवें वेतन आयोग के अनुशंसा के संबंध में भी विचार करने का आश्वासन दिया गया।
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MACP/ACP के मामले पर भी चर्चा की गई कि सरकार से नियुक्ति की तिथि से ही काल गणना करने का प्रावधान किया जाएगा।
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शहीद/मृत पुलिस कर्मियों के आश्रित पुत्र को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने में अधिकतम उम्र सीमा में ढील देने की सहमति बनी। इस पर भी नियमावली में संशोधन करने का प्रस्ताव पर विचार करने का आश्वासन दिया गया तथा मृतक के परिजनों के मिलने वाले राशि में से 25 प्रतिशत उसके माता-पिता को देने पर भी सहमति बनी। इसे पूरा करने का भी आश्वासन दिया गया।
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नई पेंशन नियमावली की जगह पुरानी नियमावली लाने के संबंध में बताया गया कि केंद्र सरकार यदि इसे वापस लेती है तो झारखंड सरकार भी विचार करेगी।
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चिकित्सा सुविधा वरीय अधिकारियों के तर्ज पर देने संबंधी बातों पर यह सहमति बनी कि सरकरा कैशलेश व्यवस्था कर रही है तथा चिकित्सा प्रतिपूर्ति नियमावली में सुधार करने पर सहमति बनी। एसोसिएशन द्वारा सभी सात मांगों पर विचार कर आदेश निर्गत करने का आग्रह किया गया, जिसपर पुलिस महानिदेशक एवं विशेष सचिव, गृह विभाग द्वारा आश्वासन दिया गया।