सारधा चिट फंड घोटाले मे 300 से ज्‍यादा लोग कर चुके हैं सुसाइड

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पश्चिम बंगाल में हुए सारधा चिंट फंड घोटाले को लेकर बीते दिनों छिड़ी आमने सामने की लड़ाई जारी है। राज्य में हुआ यह घोटाला अब भले ही वर्चस्व की लड़ाई बन चुका हो लेकिन यह सैकड़ों की कब्रगाह भी है। खतरा अभी भी बरकरार है। इसे कल्याणकारी तौर पर लाया गया था। लोगों ने इसमें भविष्य देखा। लेकिन खराब नियत लेकर निकले लोगों की बतौलत अब वह वर्तमान में ही नहीं हैं। पैसा फंसने के कारण 300 लोग आत्महत्या कर चुके हैं।
इंडिया टुडे ने घोटाले से पीड़ित लोगों से बात की। उन सभी ने बताया कि आरोपी कंपनियों के एजेंट्स ने गरीबों का लाखों-करोड़ों रुपए जमा करने के नाम पर बटोर लिए। अब वह एजेंट्स पैसे मांगने पर छिपते फिर रहे हैं। जबकि एक अन्य पीडित ने बताया कि, ऐसा नहीं कि सिर्फ जमा करने वाले परेशान हैं, बल्कि एजेंट भी पीड़ित हैं। उनके सिर से छत तक छिन चुकी है। यहां तक की पैसा इकट्ठा करने वाले लोगों की जिंदगी तक पर खतरा है।
संगठन ने यह भी पूछा कि, अगर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दुर्गा पूजा और इमामों में पैसा बांट सकती हैं तो घोटाले से पीड़ित लोगों की मदद क्यों नहीं करतीं? इतना ही नहीं, पीड़ितों ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार से चिट फंड कंपनियों की सम्पत्ति जब्त कर लें। इसके बाद उसकी नीलामी कर पीड़ितों का पैसा वापस कर दें। एक अनुमान के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की इन कंपनियों की सम्पत्ति करीब 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की है। इस पर एक पीड़ित ने कहा कि, अगर हमारी मांग के अनुसार हो जाए तो कई परिवार बचाए जा सकते हैं।
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बता दें कि, सीबीआई और कोलकाता पुलिस की लड़ाई के बाद ममता बनर्जी ने मंगलवार को अपना धरना खत्म कर दिया। इस घोटाले के तार सीबीआई कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार जुड़े होने की आशंका पर उनके आवास पहुंची थी। जिसके बाद पुलिस ने ही सीबीआई टीम के सदस्यों को हिरासत में ले लिया था। इसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिन राजीव कुमार को शिलांग में पेश होने को कहा है।

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