दिल्ली पुलिस ने नकली आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री के रैकेट का किया भंडाफोड़, दस गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट ने नामी कंपनियों के नकली आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री के एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है। जो फर्जी तीन कॉल सेंटर के जरिए नामी कंपनियों के नाम का इस्तेमाल करके घटिया क्वालिटी की आयुर्वेदिक दवाइयों की बिक्री कर रहे थे। इस गिरोह ने पूरे भारत में 6372 लोगों को अपनी जालसाजी का शिकार बनाकर लगभग 1.94 करोड़ का चूना लगा दिया था। टीम ने इस मामले में एयरटेल के एक कर्मचारी समेत दस लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 42 मोबाइल फोन, 9 लैपटॉप, घटिया क्वालिटी की दवाएं और हकीम सुलेमान ग्रुप का डेटा बरामद किया है।

आईएफएसओ यूनिट के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि उनायुर मार्केटिंग प्रा. लिमिटेड के मैनेजर ने स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट के पास एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें ये आरोप लगाया गया कि कुछ अज्ञात लोग उनके ग्राहकों को नकली, गलत ब्रांड वाली और मिलावटी दवाएं बांट रहे हैं। जो खुद को यूएमपीएल के कर्मचारियों के रूप में पेश करते हैं और अलग-अलग मोबाइल से ग्राहकों और मरीजों को कॉल करते हैं। जिसमें दवाई की संख्या और उन्हें रियायती दरों पर दवाइयां बेचने का लालच देकर दिया जाता है। इससे ग्राहकों को नुकसान होता है और इन लोगों को प्रॉफिट होता है। यह भी आरोप लगाया गया कि जालसाजों ने उनायुर मार्केटिंग प्रा. लिमिटेड और लगभग 6372 ग्राहकों के साथ वर्ष 2017 के बाद से 1.94 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।

जांच के दौरान, विभिन्न कूरियर कंपनियों से प्रासंगिक खाता विवरण और कथित नंबरों के कॉल विवरण रिकॉर्ड एकत्र किए गए और उनका विश्लेषण किया गया। यह पता चला कि खाते दिल्ली और लखनऊ से खोले गए थे। इसके अलावा, कथित नंबरों के लोकेशन भी दिल्ली और लखनऊ में पाया गया। टीम ने व्यापक विश्लेषण किया और जांच कर दिल्ली के स्वरूप नगर, लखनऊ के इंदिरा नगर और जानकीपुरम में स्थित तीन कॉल सेंटरों का पता लगा लिया। टीम ने तीनों स्थानों पर छापेमारी कर आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। उनके कहने पर बड़ी मात्रा में खराब गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक दवाएं बरामद की गईं। आरोपी राहुल सिंह इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड था। वह इंदिरा नगर, लखनऊ में उग्रसेन, समर सिंह और जितेंद्र सिंह जैसे अन्य भागीदारों के साथ फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था। उसने कई व्यक्तियों के माध्यम से एयरटेल के एक कर्मचारी राजेश सिंह से शिकायत कंपनी का डेटा प्राप्त किया था। उसने डेटा को विकास पाल निवासी दिल्ली और अन्य को 60% कमीशन पर बेच दिया। इन कॉल सेंटरों पर टेलीकॉलर शिकायतकर्ता कंपनी के ग्राहकों को रियायती दवाओं का झांसा देकर उन्हें घटिया किस्म की आयुर्वेदिक दवाएं बेचते थे। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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