किसानों की आत्महत्या राष्ट्रीय मुद्दा क्यों नहीं :अनिल क्रांतिकारी

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

रिपोर्ट

अलीगढ़: 1995 से अब तक करीब पांच लाख किसानों ने कर्ज से दबकर आत्महत्या की है जिसका मुख्य कारण लगातार बढ़ती लागत फसल का सही मूल्य ना मिलना वह किसान पर कर्ज का बढ़ता दबाव रहा है अगर सच मायने में कहा जाए तो यह आत्महत्या नहीं है बलिक सिस्टम द्वारा सामूहिक नरसंहार है जिसको किसानों को पूर्ण कर्जा मुक्त कर उसको उसकी फसलों की उचित कीमत सरकार द्वारा ही बनाए गए आयोग (स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट) सी 2) के आधार पर देकर ही बचाया जा सकता है स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट सीटू से कम मूल्य पर फसल खरीद करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही भी अनिवार्य करनी होगी बचेगा किसान यह बात किसान कामगार मोर्चा के जिला अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा किसानों को एमएसपी मूल मिलना चाहिए और निर्धारित एमएसपी पर किसानों के गेहूं की खरीद की जाए।

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