पानीपत की लड़ाई जैसा महत्वपूर्ण है लोकसभा चुनाव: अमित शाह

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नई दिल्ली। भाजपा के लिए शुभ रहे दिल्ली के रामलीला मैदान से पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंक दिया है।
अब तक के सबसे बड़े राष्ट्रीय अधिवेशन की शुरूआत करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जहां विपक्ष पर हमला किया, वहीं अपने कार्यकर्ताओं को इसका अहसास भी करा दिया कि इस लड़ाई में चूक के लिए स्थान नहीं है।
पानीपत की लड़ाई का जिक्र करते हुए उन्होंने आगाह किया कि उस वक्त मराठा हारे तो फिर दो सौ साल की गुलामी झेलनी पड़ी थी। लिहाजा कमर कस कर मैदान में उतरें। वैसे यह कहकर उत्साह भी बढ़ाया कि मोदी जी कभी हारे नहीं है। एक बार फिर बड़ी जीत होगी।
लगभग एक घंटे के भाषण में उन्होंने जहां राम मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराते हुए जोश का संचार किया। वहीं यह भी संकेत दे दिया कि कल्याणकारी योजनाओं के साथ साथ जीएसटी में लघु व मध्यम व्यापारियों के लिए मिली राहत और गरीब सवर्णो के आरक्षण का मुद्दा पार्टी के चुनाव प्रचार का बड़ा एजेंडा होगा।
शुक्रवार से दिल्ली में भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की शुरूआत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूरे देश के चुने हुए प्रतिनिधियों की लगभग दस हजार की भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि पिछली बार भी यहीं से जीत का संकल्प लिया गया था। इस बार भी इसी स्थल को चुना गया है।
राम मंदिर को लेकर संघ के दबाव के बावजूद यूं तो भाजपा संयमित होकर बढ़ना चाहती है। लेकिन कार्यकर्ताओं को इसका अहसास करा दिया कि यह एजेंडा पीछे नहीं गया है। सामने मौजूद भीड़ ने भी अहसास करा दिया कि यह मुद्दा उनके दिल के करीब है।
दरअसल शाह ने जैसे ही कहा कि पार्टी चाहती है कि जल्द से जल्द भव्य राम मंदिर बने, सामने बैठी भीड़ उत्साहित हो गई। हाथ उठाकर लोगों ने इतनी देर तक आवाज लगाई कि शाह को अपना भाषण शुरू करने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ा।
वहीं मंच पर बैठे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेता मुस्कुराते रहे। शाह ने कहा कि कांग्रेस इसके जल्द निपटारे में अड़चन पैदा कर रही है।
भाजपा इसे जिताउ मंत्र के रूप में देख रही है। शाह ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर दो बड़े कदम उठाए गए हैं। आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया गया है जो एक बड़े वर्ग को समान अवसर देगा। वहीं जीएसटी में लघु व मध्यम व्यापारियों को बड़ी राहत दी गई है। परिषद ने इन दोनों फैसले के लिए खड़े होकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
राहुल गांधी के निशाने पर रहे। अपने भाषण उन्होंने दो तीन बार राहुल का नाम लिया और कहा कि वह खुद भ्रष्टाचार के मामले में जमानत पर बाहर हैं लेकिन आरोप मोदी सरकार पर लगा रहे हैं। उन्होंैने कहा- ‘मिशेल मामा पकड़े जाते हैं तो
वह पसीने पसीने हो जाते हैं, क्वात्रोची अंकल उनके घर जाते थे। दरअसल यह उनका भय है।’ राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि उसमें कोई गड़बड़ी नहीं हुई लेकिन बेवजह आरोप लगाए जा रहे हैं।
शाह ने नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे लोगों के देश छोड़कर भागे जाने पर भी राहुल पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस काल में वह वह यहीं सुरक्षित थे क्योंकि सत्ता में भागीदार बैठे थे। अब चौकीदार बैठा है तो ऐसे लोगों को डर है।
महागठबंधन को लेकर शाह ने विपक्ष से ज्यादा अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इस महागठबंधन का कोई अखिल भारतीय असर नहीं है। वैसे भी राजनीति फिजिक्स नहीं है, केमिस्ट्री होती है जिसमें दो चीजों के मिलने से तीसरी चीज बनती है।
उन्होंने दावा किया कि ‘जिस उत्तर प्रदेश को लेकर विपक्ष में इतनी जद्दोजहद मची है वहां भी भाजपा 73 से 74 हो सकती है लेकिन 72 नहीं।’ शाह ने कहा कि मोदी जी कभी हारे नहीं है, आप आश्वस्त रहें हम पिछली बार से भी बड़ी जीत हासिल करेंगे।

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