पावर प्लांट में बॉयलर की ट्यूब फटने से तीन जिंदा जले

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डेराबस्सी। हलके की सबसे बड़ी नाहर इंडस्ट्री के पावर प्लांट में बॉयलर से हुई फायर फ्लैश में 3 कर्मियों की मौके पर मौत हो गई। चौथा जीएमसीएच चंडीगढ़ के अस्पताल में एडमिट है।

 

हादसा सोमवार रात करीब सवा दो बजे नाहर ग्रुप ऑफ कंपनीज के पावर जेनरेशन प्लांट में हुआ। प्लांट की तीसरी मंजिल पर फैक्टरी कर्मी हेमंत, मुनीश, संजय यादव और सोनू एक मोटर की एक खराब पुली ठीक करने में जुटे थे। इस बीच बॉयलर की स्टील ट्यूब धमाके के साथ फट गई। इससे निकली आग में चारों बुरी तरह झुलस गए।
नाहर कंपनी में धान के छिलके और कोयले से बिजली जेनरेट करने वाले 12 मेगावाट क्षमता वाले दो प्लांट हैं। एक प्लांट 12 साल पुराना है, जबकि दूसरा 8 साल पुराना। हादसा 8 साल पुराने प्लांट की तीसरी मंजिल पर हुआ।
यूनिट के मैनेजर वीआर सिन्हा ने बताया कि 55 टन क्षमता वाले बॉयलर में थर्मो कपलिंग वाली 50 एमएलए पानी भरी स्टील ट्यूब को 480 डिग्री सेल्सियस तक हीट किया जाता है।
टेम्प्रेचर सही न होने पर स्टील ट्यूब फटी : 
मैनेजर वीआर सिन्हा के मुताबिक प्लांट ऑटोमैटिक है, लेकिन टेम्प्रेचर सही न होने पर यह स्टील ट्यूब फट गई। ट्यूब फटने पर भाप का प्रेशर 80 किलो था। बॉयलर के साइड की लोहे की खिड़की बाहर से लोहे की कुंडी से बंद होती है,
लेकिन प्रेशर व स्टीम के साथ फायर फ्लैश से खिड़की खुल गई और सामने करीब पांच फीट दूर एक मोटर पुली ठीक कर रहे चार वर्कर इसकी चपेट में आ गए। सभी को फायर फ्लैश ने उठाकर लोहे के फर्श पर पीछे पटक दिया।
प्रेशर रिलीज होने के कुछ सेकेंड बाद फायर फ्लैश शांत हो गया, इसलिए फायर ब्रिगेड बुलाने की जरूरत नहीं पड़ी, लेकिन आग व स्टीम से चारों वर्कर्स बुरी तरह झुलस गए।
चारों को सेक्टर-32 के जीएमसीएच में पहुंचाया गया, जहां हेमंत, मुनीश और संजय को मृत करार दिया गया, जबकि सोनू की हालत क्रिटिकल बताई गई है। 20 साल का सोनू 50 फीसदी से अधिक झुलस चुका है।
पुलिस ने सीआरपीसी 174 के तहत कार्रवाई जरूर की है, लेकिन हादसा किसकी लापरवाही से हुआ, इस बारे में जांच नहीं की। इंचार्ज फूलचंद के अनुसार मृतकों के घरवालों ने उन्हें ऐसी कोई शिकायत नहीं दी है।

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