भाजपा के नेताओं ने प्रो. ओम प्रकाश कोहली को श्रृद्धांजलि अर्पित की

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

रिपोर्ट: भावेश पीपलिया

नई दिल्ली: गुजरात के पूर्व राजयपाल और दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रो. ओम प्रकाश कोहली की स्मृति में आज दिल्ली के सिविक सेंटर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसाबाले, विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष अलोक कुमार और सांसद डॉ. हर्ष वर्धन एवं दिल्ली भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने श्रृद्धासुमन अर्पित किये और सभा को सम्बोधित कर ओ.पी. कोहली के जीवन से जुड़े कई पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
जे. पी. नड्डा ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि अगर प्रो. कोहली को सच्ची श्रद्धांजलि देनी है तो हमें सजीवन के पहलुओं को समझकर उसे अपने जीवन में उतारने की कोशिश करनी होगी। उन्होंने कहाकि मैं खुद को सौभाग्यशाली समझता हूं क्यूंकि मुझे प्रो ओ पी कोहली के साथ राजनीति और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने का मौका मिला। प्रो कोहली सिर्फ एक राजनेता नहीं थे बल्कि वह एक संगठक और विचारक थे इसलिए उनको शब्दों में व्यक्त करना बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा कि प्रो कोहली ने अपने विचारधारा से लाखों छात्रों को प्रभावित किया। उन्होंने दिल्ली को एक दिशा देने के साथ-साथ एक आदर्शवादी सांसद का उदाहरण पेश किया। प्रो ओ पी कोहली संयम, समर्पण और सहनशीलता के प्रतिक थे।
दत्तात्रेय होसाबाले ने उनको को याद करते हुए उनके साथ बिताये समय और बातों को साझा किया और कहा कि किसी एक व्यक्ती विशेष के लिए अगर सभी कार्यकर्ताओं को एक ही प्रकार का अनुभव हो रहा हो तो वह उस व्यक्तित्व और विचार को दर्शाता है। उन्होंने सभी के साथ एक जैसा व्यवहार किया। सभी के पास एक दिल होता है लेकिन प्रो कोहली के बारे में ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि उनका पूरा शरीर हृदयवान था।
अलोक कुमार ने कहा कि संगठन का काम करते करते उन्हें उच्चइयां तो बहुत मिली लेकिन बावजूद उसके उन्होंने सभी को गले लगाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि उस समय ज्यादा सुविधाएं नहीं थे लेकिन उनका दिल बहुत बड़ा था और यही कारण है कि कभी भी पद मिले न मिले इसका उन्हें गम नहीं था लेकिन एक कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने जी तोड़ मेहनत की और पार्टी के लिए हमेशा तत्पर रहे। बाकी लोग प्रयत्न करते है अपने बच्चों को आगे बढ़ाने की लेकिन उन्होंने अपने घर के बच्चे को रोका था ताकि कोई उनकी छवि से बच्चे की पहचान बनने की बात ना कही जाये। एक अच्छे श्रोता के रूप में उनकी एक अलग पहचान बनी और वह दूसरे के विचार सुनने के बाद ही अपनी बातों को रखते थे।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि प्रो. कोहली को पिछले तीन दशक में उनके विभिन्न जिम्मेदारी पर काम करते हुए देखा और बहुत कुछ सिखने को मिला। वह इंसान नहीं बल्कि अपने आप में एक इंस्टिट्यूट थे जिनसे बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्होंने कहा कि बहुत गंभीरता और जिम्मेदारी के साथ उन्होंने अपने कर्तव्यां का निर्वाहन किया। उनके गुण असाधारण थे जो कि खासकर सार्वजनिक जीवन में मुश्किल होता है। एक आदर्श पुरुष, कार्यकर्ता और स्वयंसेवक थे। वे एक तरह से भाजपा में आज़ादशत्रु थे।
इस अवसर पर असम के पूर्व राज्यपाल प्रो.जगदीश मुखी, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, रमेश बिधूड़ी, अल्का गुर्जर, महेन्द्र पाण्डेय, सरदार आर पी सिंह, हर्ष मल्होत्रा और दिनेश प्रताप सिंह, पवन शर्मा एवं आशीष सूद, सतीश उपाध्याय, विजय गोयल एवं आदेश गुप्ता, विजय शर्मा तथा भाजपा कार्यकर्त्ता उपस्थित थे। प्रो. कोहली के पुत्र विशु कोहली एवं सुपुत्री ऋतू कोहली ने श्रद्धांजलि सभा में सम्मिलित सभी शोकाकुलजनों का आभार व्यक्त किया।

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