नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया के बचाव में बच्चों एवं पोस्टरों में उनकी तस्वीरों का उपयोग करने को लेकर राष्ट्रीय बाल संरक्षण अस्योग ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है।
इसके साथ आयोग ने आप नेता आतिशी सिंह के ट्वीटर हैंडल पर इसी मुद्दे को लेकर बच्चों के पोस्टरों पर भी आपत्ति जताई है। आयोग ने कहा कि बच्चों की अनुमति के बिना पोस्टरों में उनकी तस्वीरों को सोशल मीडिया में पोस्ट करना किशोर न्याय अधिनियम 2015 के प्रासंगिक प्रावधानों का उल्लंघन है। इसलिए दिल्ली पुलिस को आतिशी सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके मामले की तत्काल जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बताया कि दिल्ली की जेल में बंद शराब घोटाले के आरोपी के बचाव के लिए स्कूलों के बाहर स्टॉल लगाकर बच्चों का उपयोग करने एवं बच्चों के कोमल मन मस्तिष्क में आरोपियों का महिमा मंडन किए जाने की शिकायत मिली है। शिकायत के आधार पर इस पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस एवं दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस किया गया है। इसके साथ तीन दिन के अंदर एक्शन टेकन रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
उन्होंने आगे बताया कि आप नेता आतिशी सिंह ने पोस्टरों में बच्चों का उपयोग किया है जिसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया है। अपने व्यक्तिगत एजेंडे के लिए पद और शक्ति का दुरुपयोग किया है। नाबालिगों की सहमति के बिना उनकी छवियों का उपयोग करना कानून अपराध है। यह गंभीर मामला है।
आयोग ने आरोप लगाया कि राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए ये तस्वीरें साझा की गईं। पत्र के मुताबिक, आयोग ने यह भी पाया कि नेताओं द्वारा कथित रूप से तस्वीर साझा करने का उद्देश्य मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई द्वारा जारी जांच से ध्यान भटकाना था। सिसोदिया ने 2021-22 आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद हाल में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। सिसोदिया के पास शिक्षा सहित दिल्ली सरकार के 18 विभागों का प्रभार था।
Comments are closed.