धोनी, तेंदुलकर, बच्चन के नाम पर लाखों की ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफाश

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

रिपोर्ट: भावेश पीपलिया

नई दिल्ली: सचिन तेंदुलकर, आलिया भट्ट, महेंद्र सिंह धोनी, अभिषेक बच्चन, सोनम कपूर, हिमेश रेशमिया, सुनील शेट्टी, ऐश्वर्या राय समेत कई बडी हस्तियों के नाम पार लाखों की ठगी करने वाली गैंग का दिल्ली पुलिस के शाहदरा जिले की साइबर टीम ने पर्दाफाश किया है। आरोपियों की पहचान पुनीत, मोहम्मद आसिफ, सुनील कुमार, पंकज मिश्र और विश्व भास्कर शर्मा के रूप में हुई है। 10 मोबाइल फोन,1 लैपटॉप,3 सीपीयू, 34 जाली पैन कार्ड, 25 जाली आधार कार्ड, 40 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, 42 सिम,5 जाली वोटर आईडी, 1 ई-श्रम कार्ड और विभिन्न बैंकों की चेकबुक सभी से एक साथ बरामद किया है।

95 बडी हस्तियों के पैन कार्ड विवरण हासिल करने और उनके नाम पर क्रेडिट कार्ड जारी कराने के आरोप में पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पुलीस के मुताबिक, कार्ड पुणे स्थित फिनटेक स्टार्टअप ‘वन कार्ड’ से जारी किए गए थे। आरोपियों ने डिटेल का इस्तेमाल कर बैंकों से 50 लाख रुपये से अधिक की ठगी की।

पूर्वी रेंज की संयुक्त पुलिस आयुक्त छाया शर्मा ने बताया की आरोपियों ने बैंकों से 50 लाख रुपये से अधिक की ठगी करने के लिए 95 मशहूर हस्तियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों की सरकारी आईडी बनाई। खामी दस्तावेजीकरण और बैकएंड सत्यापन में है, जिसे अपग्रेड करने की आवश्यकता है। सभी आरोपियों को आईटी का अच्छा ज्ञान है।

पूछताछ में पता चला कि ये इन सेलेब्रिटीज की जीएसटी डिटेल्स गूगल से हासिल किए। वे बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि जीएसटीआईएन के पहले दो अंक राज्य कोड हैं और अगले 10 अंक पैन नंबर हैं। चूंकि मशहूर हस्तियों की जन्म तिथि गूगल पर उपलब्ध है, ये वहां से डिटेल ले लेते हैं। उन्होंने धोखे से अपनी खुद की तस्वीरें लगाकर पैन कार्ड को फिर से बनवाया ताकि वीडियो सत्यापन के दौरान, उनका लुक उनके पैन, आधार कार्ड पर उपलब्ध फोटो से मेल खा सके। आरोपी क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते थे और वीडियो सत्यापन के दौरान उनसे उनकी वित्तीय गतिविधियों से संबंधित सवाल पूछे जाते थे, जिसका उन्होंने आसानी से जवाब दिया क्योंकि उन्हें सिबिल से ऐसे सभी विवरण मिले थे।

पुणे स्थित कंपनी ने पुलिस में दर्ज कराई की शिकायत में कहा है, एफपीएल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड वन कार्ड जारी करती है, जो एक संपर्क रहित क्रेडिट कार्ड है। साथ ही वन कार्ड और वन स्कोर एप के जरिये ऑनलाइन सेवाएं भी मुहैया कराई जाती हैं, ताकि ग्राहक इसे किसी वेबसाइट या एप पर ऑनलाइन लेन-देन या खरीदारी के लिए इस्तेमाल कर सकें। कंपनी ने आरोप लगाया कि इन जालसाजों ने अपने नाम पर जारी किए गए क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने के लिए पैन और आधार संख्या जैसे विवरण अपलोड करके एप के माध्यम से कंपनी से संपर्क किया था।

दिल्ली पुलिस के डीसीपी शाहदरा रोहित मीणा ने बताया की मामले की जांच जारी है, इसलिए हम इस पर और टिप्पणी नहीं कर सकते। कंपनी को बाद में धोखाधड़ी का पता चला, लेकिन इससे पहले ही जालसाजों ने इनमें से कुछ कार्ड का इस्तेमाल कर 21.32 लाख रुपये के उत्पादों की खरीदारी कर ली थी। इसके बाद, कंपनी ने तुरंत दिल्ली पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसने कार्रवाई करते हुए मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

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