विधानसभा मे राज्यपाल के भाषण के दौरान बिजली जाने से निलंबित किए गए अभियंता व कर्मचारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा मे बजट सत्र के दौरान राज्यपाल का भाषण चल रहा था। अचानक से बिजली चली जाती है और विपक्ष शोर मचाने लगता है आनन फानन मे तीन अभियन्ता और एक सविदा कर्मी के ऊपर गाज गिर जाती है। अभियन्ता को निलंबित कर दिया जाता है और सविदाकर्मी अपनी नौकरी से हाथ घो लेता है आइये जानते है कि इसका मूल कारण क्या है।
इस घटना की जड मे बैठा है एक बडा घोटाला जिसे E R P और अवैध रूप से नियुक्त सबसे बडे बडका बाबू इनका खौफ अभियन्ता संघ के डरपोक पदाधिकारीगण जो कि महा भष्टाचारी है और अपनी गर्दन बचाने के लिए प्रबन्धन के आगे नतमस्तक है। अवैध इस लिए कि इनका कार्यकाल पूरा हो चुका है और यह चुनाव नही करा रहे और अपने भष्टाचारी होने की वजह से प्रबन्धन के सामने अपनी जान बचाने को पूर्णतः आत्मसमर्पण कर रखा है। जिसका खामियाज अभियन्ताओ और अन्य कर्मचारियो को है उठाना पड रहा है गलत नीतियो का विरोध करना वा अपनी बात प्रबन्धन के सामने रखना यही तो संघ का काम होता है परन्तु यहाँ पर तो आवाज ही नही निकल रही।
बिना तैयारी E R P लागू होने के बाद से ही पूरे प्रदेश मे साजो समान व अन्य जरूरी उपकरणो का टोटा हो गया है। जिस पर प्रबन्धन ध्यान ही नही दे रहा और खामियाजा अधिकारियो और कर्मचारियो को भरना पड रहा है। अनुभवहीन प्रबन्धन के गल्ती की सजा अभियन्ताओ और निविदा कर्मचारियो को भुगतनी पड रही है। और अभियन्ता संघ के अध्यक्ष और महासचिव प्रबन्धन के खिलाफ आवाज ना उठाकर अपने सेवानिवृत्त होने और सजा से बचने के लिए मुंह छुपाए घूमर रहे है। आखिर यह विभागीय यूनियने होती तो आवाज उठाने के लिए परन्तु 25 लाख की गाडी मे धूमने वाले महासचिव को अभियन्ताओ की गलती ना होने पर भी अवाज उठाने मे डर लगता है। अभी देखिए प्रबन्धन की अनुभवहीनता का खामियाजा कितने और अभियन्ताओ को भुगतना पडता है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More