शिवराज जी की महिला सशक्तिकरण को धत्ता बताते अधिकारी

घंसौर – मोदी जी और शिवराज जी के द्वारा महिलाओं के नाम पर उनको आत्म निर्भर बनने हेतु बहुत सी योजनाएं महिला शक्तिकारण को लेकर चलाई जा रही है लेकिन देखा जा रहा है कि मोदी जी और शिवराज जी की उक्त योजना ओ को पलीता लगाने को लेकर जैसे प्रशासनिक अमले ने कशम खा रखी है और उसी का नतीजा है कि केन्द्र और राज्य सरकार के द्वारा जो करोड़ों रूपयों की राशि महिला शक्तिकारण योजना के नाम पर भेजी जा रही है उसका लाभ गरीबों को नहीं मिल पा रहा है बीच जो बिचौलिये और दलाल है वह प्रशासन के साथ मिलकर बंदरबांट करने पर लगें हुये है

जैसे एक मामला यह भी घंसौर में सामने आया है जिसमें एक विधवा महिला जिसकी एक छोटी बच्ची है उसको मोदी जी और शिवराज जी की महिला शक्तिकारण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है
जनपद पंचायत घंसौर की भूमि पर कुछ लोग अपने परिवार के भरण-पोषण के लिये छोटी मोटी दुकान लगा कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे उक्त भूमि पर जनपद पंचायत घंसौर के द्वारा नगर के मध्य में कुछ गुमटियों का निर्माण कार्य पंचायत के माध्यम से किया गया है

उक्त गरीबों की दुकानों को हटा कर और दुकान हटाने के पूर्व सभी को यह कहा गया कि जिस जगह पर जिसकी दुकान है गुमटी निर्माण कार्य होने के बाद उसी व्यक्ति को उक्त गुमटी प्रदान की जावेगी लेकिन एक विधवा महिला बेसहारा जिसकी एक छोटी सी बच्ची है और उसके पास अपना एवं अपनी बच्ची के भरण-पोषण का कोई जरिया नहीं है उसको छोड़ कर सभी को नवनिर्मित गुमटी प्रदान कर दी गई और अब उक्त विधवा महिला बच्ची के साथ उक्त गुमटी प्राप्त करने के लिये घंसौर जनपद पंचायत के पिछले एक वर्ष से चक्कर लगा रही है

और अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से गुहार लगाने के बाद भी आज तक सिर्फ आश्वासन के आलावा कुछ नहीं मिल रहा है जिस कारण उक्त विधवा महिला अपनी बच्ची के भरण-पोषण के लिये बहुत ही कष्ट मय जिंदगी में है और अपनी मासूम बच्ची के भरण-पोषण और भविष्य को लेकर अपने मन में अनेक प्रकार के विचार व्यक्त कर रही जिसमें भूख हड़ताल से लेकर आत्म दाह तक करने के विचार व्यक्त किया है पिछले वर्ष दिये आवेदन पत्र पर कोई सुनवाई नहीं होने के कारण येसा ही एक आवेदन विगत दिनों दिया गया

प्रार्थी संगीता ने बताया कि मेरे पति देव कुमार उक्त जनपद पंचायत की भूमि पर लकड़ी का ठेला रख कर पान दुकान किया करते थे जिससे हमारे परिवार का भरण-पोषण होता था फिर अचानक मेरे पति की तबीयत ख़राब रहने लगीं और हमारे द्वारा उक्त दुकान बंद कर उक्त लकड़ी के ठेले पर ताला लगा कर में अपने पति का इलाज करने विभिन्न जगहों पर लेकर भटकती रही लेकिन तबियत में किसी प्रकार का कोई सुधार नहीं होने के कारण विगत वर्ष उनका निधन हो गया

मेरे पास जो कुछ भी थोड़ी बहुत जमा पूंजी थी वह इलाज में खर्च हो गयी और अब में आर्थिक रूप से बहुत परेशान हूं मेरे पास मेरे एवं मेरी बच्ची के भरण-पोषण का कोई जरिया नहीं है इसी कारण गुमटी पाने के लिये जनपद पंचायत घंसौर के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से पिछले वर्ष से निवेदन कर रही हूं कि आपके द्वारा जब मेरे उक्त लकड़ी के ठेले को हटाते समय यह आश्वासन दिया गया था कि गुमटी निर्माण हों जाने दो इसमें से एक गुमटी आपको भी मिलेंगी

लेकिन अभी तक ना तो जनपद पंचायत घंसौर के अधिकारियों ने और ना ही जनप्रतिनिधियों ने मुझे गुमटी प्रदान नहीं की है और इसी कारण अब मुझे मजबूर हो यह क़दम उठाना पड रहा है कि अगर सात दिवस के अन्दर मुझे गुमटी प्रदान नहीं की गई तो मुझे मजबूर हो कर भूख हड़ताल पर जनपद पंचायत घंसौर में बैठना पड़ेगा मेरी बच्ची के साथ और अगर इसमें भी ध्यान नहीं दिया गया तो आत्म दाह जैसे क़दम उठाने के लिये भी विचार करना पड़ेगा क्योंकि कि मेरे पास भरण-पोषण का कोई जरिया नहीं है येसे ही भूख से मरने से तो अच्छा है

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