अखिलेश यादव का भाजपा पर हमला, गलत नीतियों से छोटे व्यापारी पूरी तरह बर्बाद, घर जेवर बेंचने को मजबूर

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में दुकानदारी, कारोबार और व्यापार सब बर्बाद हो गए हैं. करोड़ों व्यापारी भाजपा की गलत आर्थिक नीतियों के शिकार हुए हैं. उन्‍होंने लिखित में जारी एक बयान में कहा कि नोटबंदी और जीएसटी से परेशान व्यापारियों को लॉकडाउन ने बुरी तरह बर्बाद कर दिया है. यही वजह है कि संवेदनहीन भाजपा सरकार में व्यापारी घर के गहने जेवर गिरवी रखने को मजबूर हो गए हैं. वहीं, तमाम पाबंदियां लगाकर उसे अपमानित-लांछित भी किया जा रहा है |

अखिलेश यादव ने मुरादाबाद के पीतल कारोबार का जिक्र करते हुए कहा कि मुरादाबाद के पीतल कारोबार की सांसें टूटती जा रही हैं. कोरोना कर्फ्यू, ऑक्सीजन की किल्लत, कच्चे माल की बदली कीमतों की वजह से इस धंधे में बहुत नुकसान हो चुका है. फर्नीचर कारोबारियों का भी बुरा हाल है. 60 प्रतिशत काम में गिरावट आई है और 15 हजार करोड़ का नुकसान अनुमानित है. बाजार लगातार बंद होने से कारीगर भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं |

कोरोना संकट की वजह से लगे लॉकडाउन और कर्फ्यू के कारण लखनऊ में 1.25 लाख छोटे-बड़े कारोबारियों को 50 दिनों में 12,650 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. यह लोग साल भर में अच्छा कारोबार कर लेते थे, लेकिन इस बार बाजारबंदी से व्यापारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे. उनको घर चलाना मुश्किल हो गया है |

अखिलेश यादव ने भाजपा पर लगाया ये आरोप

इसके साथ पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में छोटे दुकानदारों की कोई सुनने वाले नहीं है. ठेला, पटरी पर छोटा मोटा सामान बेचने वालो को कोई राहत नहीं मिली. सरकार ने उन्हें 10 हजार रुपये दिलवाने का वादा किया था, लेकिन मिला धेला भी नहीं. जबकि अकारण छोटे व्यापारियों को अपमानित करना प्रशासन ने अपना अधिकार मान लिया है. यह तब है जब लॉकडाउन में व्यापारियों ने अपनी ओर से प्रशासन को पूरा सहयोग किया |

दुकानबंदी के समय से पूर्व ही पुलिस का उनके साथ दुर्व्यवहार शर्मनाक है. भाजपा राज में व्यापारियों के साथ बदले की भावना से समाजवादियों का भी उत्पीड़न हो रहा है. कई व्यापारियों की हत्या और अपहरण की घटनाएं हुई हैं. भाजपा संरक्षित अपराधियों ने काला बाजार को खूब बढ़ावा दिया. जहरीली शराब और दवाएं, इंजेक्शन, ऑक्सीजन के सौदागरों ने कमाई की. जबकि गरीब की जान सांसत में रही |

उन्‍होंने कहा कि व्यापारी विरोधी नीतियों से सब तरह त्राहि-त्राहि मची हुई है. पिछले वर्ष घोषित 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज से किसी का कोई लाभ नहीं हुआ, इस घोषणा का क्या हुआ कुछ पता नहीं चला. भाजपा सरकार में छोटे दुकानदारों को धोखा मिला है. जबकि चुनिंदा कॉरपोरेट घरानों को सभी सहूलियतें देकर उनकी आमदनी दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ाई गई है |

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