घाटी में बीजेपी कार्यकर्ता चरमपंथियों के निशाने पर क्यों हैं?

बीते आठ वर्षों में अनवर ख़ान पर यह तीसरा हमला था. वर्ष 2015 में भी उन पर एक हमला हुआ था, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया था. उन्होंने घटनास्थल से भागकर अपनी जान बचाई थी.अनवर ख़ान कहते हैं कि सुरक्षा चिंताओं के कारण वो पार्टी के काम से जगहों का दौरा करने से बचते हैं.

वो बताते हैं  मैं भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर ही रहता हूं. जुमे की नमाज़ पढ़ने मस्जिद नहीं जाता हूँ. शादियों में भी नहीं जाता हूं. आपको अपनी सुरक्षा का ख़याल रखना पड़ता है ख़ान की गाड़ी और मकान पर बीजेपी का कोई झंडा लगा नहीं है और न ही पार्टी के किसी बड़े नेता की कोई तस्वीर हमें नज़र आई.वो कहते हैं, “दरअसल, आजकल चेकिंग और रिपोर्ट लिखने के लिए यहाँ विभिन्न विभागों के लोग आ रहे हैं, जिसकी वजह से हमने फ़िलहाल झंडा उतार दिया है.अनवर खान कहते हैं कि घाटी में बीजेपी की लोकप्रियता बढ़ रही है और अब कश्मीर में कई पंचायतों में पार्टी के पंच हैं. डीडीसी और बीडीसी चुनावों में भी पार्टी के कार्यकर्ता जीते हैं.

लेकिन बीजेपी के कार्यकर्ता चरमपंथियों के निशाने पर क्यों हैं? क्या इसके पीछे आर्टिकल 370 को हटाना कोई वजह है?ख़ान बताते हैं, “यह भी हो सकता है. चरमपंथी भी नहीं चाहते थे कि आर्टिकल 370 हटे. आर्टिकल हटने के बाद हमारे लोगों के लिए ख़तरा और भी बढ़ गया हैपार्टी के प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर कहते हैं कि उनकी पार्टी ने बीजेपी के लोगों पर कश्मीर में होने वाले हमलों के मुद्दे को जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल के साथ उठाया है. ठाकुर ने बताया कि उप-राज्यपाल ने हमें आश्वासन दिया कि पार्टी के पदाधिकारियों को पूरी सुरक्षा मुहैया करवाई जाएगी.

मुकम्मल सुरक्षा न मिलने की दिक्कत के बारे में बताते हुए पार्टी प्रवक्ता कहते हैं जम्मू-कश्मीर में पार्टी के पांच लाख से अधिक मेंबर हैं. हर एक को सुरक्षा नहीं दी जा सकती है. अलबत्ता, जो लोग पदों पर हैं, उनको ज़रूर सुरक्षा दी गई है या जिन्हें फिलहाल नहीं दी गई है, उनके लिए कोशिश हो रही है ठाकुर भी कहते हैं कि कश्मीर में पार्टी की जड़ें दिन-ब-दिन मज़बूत हो रही हैं और ये देखते हुए पाकिस्तान की तरफ़ से चलाई जाने वाली “दहशतगर्दी” बीजेपी की राष्ट्रवादी आवाज़ को दबाना चाहती है, जो उनके लिए मुमकिन नहीं है

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए जिला परिषद चुनाव (डीडीसी) में बीजेपी को पहली बार कश्मीर में किसी सीट को अपने खाते में डालने में कामयाबी हासिल हुई है.बीजेपी के लोगों पर कश्मीर में होने वाले हमलों पर कश्मीर के दूसरे राजनैतिक दल सख्त निंदा करते हुए कहते हैं कि ये बड़ी अफ़सोस की बात है.

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