बच्चों के स्कूल बैग का बोझ होगा कम, दिल्ली सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन

राष्ट्रीय जजमेन्ट,नई दिल्ली, 06 जनवरी, 2021

दिल्ली सरकार ने स्कूल बैग पॉलिसी को लेकर एक सर्कुलर जारी किया है। दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों को स्कूल बैग पॉलिसी 2020 के तहत प्राइमरी, सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के बैग का बोझ कम करने के लिये नई गाइडलाइंस का पालन करने का निर्देश दिया है।

सभी स्कूलों को सिर्फ SCERT, NCERT और CBSE द्वारा निर्धारित की गई टेक्स्टबुक को ही फॉलो करना होगा। किसी भी क्लास में टेक्स्टबुक की संख्या इन संस्थानों द्वारा निर्धारित की गई संख्या से अधिक नहीं हो सकती है। स्कूल के प्राध्यापकों और टीचर्स को हर क्लास में एक टाइम टेबल तैयार करना होगा, ताकि छात्रों को हर रोज़ बहुत सारी किताबें और नोटबुक न ले जानी पड़ें।
नई पॉलिसी के अनुसार, प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए कोई भी नोटबुक नहीं होगी। 1st और 2nd क्लास के लिए सिर्फ 1 नोटबुक के इस्तेमाल को कहा गया है। साथ ही इन क्लासेज के लिए कोई भी होमवर्क नहीं होगा।

अन्य क्लासेज में 1 सब्जेक्ट के लिए अभ्यास, प्रोजेक्ट, यूनिट टेस्ट और एक्सपेरिमेंट्स की सिर्फ 1 नोटबुक होगी, जिसे टाइम टेबल के हिसाब से छात्रों को स्कूल लाना होगा। छात्रों को पढ़ाई के लिए अतिरिक्त किताबें या एक्स्ट्रा मटेरियल स्कूल में लाने के लिए नहीं कहा जा सकता है।

छात्रों के स्कूल बैग का वज़न इस प्रकार होगा-

प्री-प्राइमरी- कोई बैग नहीं
क्लास 1 और 2- 1.6 से 2.2 kg
क्लास 3, 4, 5- 1.7 से 2.5 kg
क्लास 6 और 7- 2 से 3 kg
क्लास 8- 2.5 से 4 kg
क्लास 9 और 10- 2.5 से 4.5 kg
क्लास 11 और 12- 3.5 से 5 kg

सभी स्कूलों को स्कूल बैग के वज़न का चार्ट स्कूल के नोटिस बोर्ड पर और हर क्लासरूम में लगाना होगा। स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कहीं छात्रों का बस्ता ज्यादा भारी न हो, साथ ही स्टूडेंट्स को बैग की दोनों बेल्ट को टांगने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।
स्कूल बैग पॉलिसी में यह भी कहा गया है कि स्कूल प्रशासन कम वजन वाले उपयुक्त प्रकार के स्कूल बैग के बारे में छात्रों और अभिभावकों को बताएं और छात्रों को सरकार द्वारा की गई सिफारिशों के अनुसार बैग उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें।
स्कूल मैनेजमेंट की ज़िम्मेदारी है कि छात्रों को अच्छी गुणवत्ता का पीने का पानी स्कूल में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराएं, ताकि बच्चों को घर से पानी की बोतल लेकर आना न पड़े।

रिपोर्ट :- भावेश पिपलिया संवाददाता दिल्ली

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