किसान नेता शिवकुमार कक्का ने सरकार को दी चेतावनी, बोले- यह आंदोलन किसानों की आजादी की लड़ाई है

भोपाल। देशभर में नए कृषि कानूनों को लेकर 1 महीने से ज्यादा समय से किसान आंदोलन में जुटे हैं। चार मांगों को लेकर किसान दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच देश के कई अन्य राज्यों का समर्थन किसान को मिला है। अब मध्य प्रदेश के किसान आंदोलन के प्रमुख नेता शिवकुमार ने सरकार को चेतावनी दी है। किसान नेता ने सरकार से कहा है कि वह खुशियां ना बनाएं। सरकार हमें थकाना चाहती है लेकिन किसान भी 1 साल की तैयारी करके आए हैं।

यह बात राजधानी भोपाल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता शिवकुमार कक्का और जगजीत सिंह दल्लेवाल ने की। किसान नेता शिवकुमार कक्क ने कहा कि सरकार से वार्ता की जा रही है और किसानों अपनी मांग मंगवा कर रहेंगे। शिवकुमार कक्का ने कहा कि शुरुआती उम्मीद जताने के बाद यह कृषि कानून किसानों का अहित करेगी और उसे अंधकार में धकेल देगी। वहीं उन्होंने किसान आंदोलन को किसानों की आजादी की लड़ाई बताई है।

शिवकुमार कक्का ने कहा कि यह देश का अंदरूनी मसला है और यह लड़ाई किसानों और सरकार के बीच में है लेकिन बाहरी किसी अन्य देश को हमारे मसलों में दखल देने का अधिकार नहीं है। कक्का ने उम्मीद जताई है कि किसान अपनी एकता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से अपनी मांग मनवाएंगे।

ज्ञात हो कि देशभर में 26 नवंबर से लाखों के साथ दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। नए कृषि कानूनों का विरोध करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार से चार प्रमुख मांगे की है। इस आंदोलन के लिए 7 सदस्य कमेटी का संचालन किया गया। जिसमें मध्य प्रदेश के 2 सदस्य शिव कुमार कक्का और सरदार जगजीत दलेवाल भी शामिल है।

किसानों की मांग है कि किसी कानून को रद्द किया जाए। इसके साथ ही प्रस्तावित बिजली बिल को रद्द किया जाए और साथ ही एमएसपी (MSP) गारंटी कानून लागू किया जाए। हालांकि केंद्र सरकार ने अब तक हुई सातवें चरण की किसान वार्ता में किसानों को कई तरह के प्रस्ताव दिया लेकिन किसानों ने सभी प्रस्तावों को अमान्य किया है। जबकि अब तक के आंदोलन में 44 किसानों की मौत हो चुकी है। वहीं मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन का समर्थन करने की किसान नेता शिवकुमार कक्का ने लोगों से अपील की है।

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