प्र्रशिक्षण का नहीं हुआ आयोजन, पान कृषकों ने की शिकायत

  • किताब, पेन, डायरी प्रमाण पत्र देकर किया जाता रहा है सम्मानित

  • कई सालों से पान शोध अधिकारी और जिला उघान विभाग द्वारा होता रहा है आयोजन

  • पान किसानों ने जिलाधिकारी से प्रशिक्षण आयोजन कराये जाने की मांग

महोबा 21 दिसंबर। देश दुनिया में मशहूर लबो की शान महोबा का पान के काश्तकार इस साल प्रशिक्षण न दिये जाने से परेशान है, उनका कहना है कि पान की तरह-तरह की जानकारियां उन्हें इस माध्यम से हासिल हो रही थी और जिसके जरिये वह पान की उम्दा उपज हासिल कर रहे थे। बाद में पान खेती से जुड़े काश्तकारों को किताब, पेन-डायरी और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया जाता रहा है लेकिन इस दफा ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। जिलाधिकारी से एक पत्र देकर चालू साल में पान किसानों को प्रशिक्षण दिये जाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जाने की मांग की गयी है।

देशी पान के काश्तकार अमरचंद, नरेश चंद चौरसिया, सुभाष, मुकेश, रूपेन्द्र, धमेन्द्र, हीरालाल, बालगोविंद, श्याम बाबू, लखन लाल, नरेशचंद देवेन्द्र चौरसिया आदि कोई दो दर्जन किसानों ने यहां जिलाधिकारी को पत्र देकर प्रशिक्षण का आयोजन कराये जाने की मांग की है। इन किसानां का कहना है, कि कई सालों से पान प्रयोग और प्रशिक्षण अधिकारी द्वारा किसानों को प्रशिक्षण दिये जाने के लिए इस तरह के आयोजन किये जाते रहे है, महोबा के पान किसानों को पान शोध अधिकारी द्वारा पान की खेती में नई तकनीक अपनाये जाने के गुर बताये जाते रहे है,

मसलन पान किसानों को भूमि शोधन, पान के लिए उपयुक्त मिटटी, बुवाई के पहले जैविक खाघ, पान की बेल की रूपाई, बरसात के पहले व बरसात में फसल का बचाव भीषण गर्मी से पान खेती को बचाना पाले आदि से बचाव की उत्तम जानकारियां प्रशिक्षण के माध्यम से हासिल होती रही है और इसका असर पान की खेती पर साफ दिखता रहा है प्रशिक्षण से किसानों को पान खेती में लाभ हो रहा था। पान किसानों का कहना है कि कृषि विश्व विघालय जैतपुर और कृषि विभाग जिला उघान विभाग तथा अन्य विभागों से यहां पहुंचकर जानकारों द्वारा उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता था

यहां उन्हें बताया जाता था कि नये तरीके से वे पान की खेती करके अधिकाधिक लाभार्जित कैसे कर रखते है। बताया गया कि इस प्रशिक्षण में पान खेती से जुड़े तकरीबन 400 काश्तकार शामिल होते रहे है और प्रशिक्षण के बाद किसानों को किताब, पेन, डायरी एवं प्रमाण पत्र देकर समानित किया जाता रहा है, परन्तु चालू साल में पान शोध अधिकारी एवं जिला उघान अधिकारी द्वारा पान किसानों को प्रशिक्षण को लेकर किसी भी कार्यक्रम आयोजक अब, तक नहीं किया गया है। डीएम से मांग की गयी है कि कई सालों से चले आ रहे पान प्रशिक्षण कार्यक्रम को इस साल भी आयोजित कराया जाए।

राष्ट्रीय जजमेंट के लिए महोबा से काजी आमिल की रिपोर्ट

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