आगरा : जानवर की चर्बी से नकली देशी घी बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार

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आगरा के खंदौली में मोहल्ला व्यापारियन में मंगलवार की दोपहर पुलिस ने नकली देशी घी की फैक्ट्री पर छापा मार पुलिस ने भारी मात्रा में तैयार ‘दैशी घी’ के साथ ही जानवरों की हड्डियां, पैर और खुर बरामद किया है । पुलिस के मुताबिक यहां भैंस के सींग और जानवरों की चर्बी को आग में पिघलाकर घी बनाया जा रहा था। मौके से फैक्ट्री संचालक सहित चार को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि दो फरार हो गए। घी तैयार करने में कुल 23 रुपये प्रति किलोग्राम का खर्च आता है, जिसे फुटकर व्यापारियों को 60 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जाता है। यही घी व्यापारी डालडा में मिलाकर 200 प्रति किलोग्राम तक में बेचते हैं। यहां से करीब 100 किलोग्राम नकली घी बरामद हुआ है। सूचना पर पहुंची खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने पकडे़ गए घी का नमूना लेकर जांच के लिए भेज दिया है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी त्रिभुवन नारायण सिंह ने छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को तहरीर दी है।

थाना प्रभारी अरविंद कुमार निर्वाल ने बताया की मंगलवार को मोहल्ला व्यापारियन में चर्बी से घी बनाने की फैक्टरी चलने की सूचना मिली थी। इसी फैक्टरी के बगल के बाडे़ में अवैध कट्टी खाना भी चलाया जा रहा है। पुलिस के पहुंचने पर फैक्टरी और कट्टी खाने में भगदड़ मच गई। कट्टी खाने से लोग भाग निकले। नकली घी की फैक्टरी से घी बनाते चार लोगों को पकड़ा गया। मौके से जानवरों की सींग, हड्डी, चर्बी और खुर आदि भारी मात्रा में बरामद हुए। पुलिस ने मौके से चार कनस्तरों में बनाकर रखा घी, एक कनस्तर डालडा, चर्बी भरे 10 ड्रम, चूल्हे पर अर्धनिर्मित घी आदि बरामद किया है। पकड़ गए लोगों में फैक्टरी संचालक चांद बाबू पुत्र अज्जो, शैफी पुत्र गुड्डू, इरशाद पुत्र इकबाल, और ताहिर पुत्र साबिर निवासी मोहल्ला व्यापारियन हैं। जबकि कट्टीखाना चला रहे शल्लो पुत्र स्वालीन और शोहिल पुत्र स्वालीन फरार हो गए। एसओ ने बताया कि यहां भैसों के सींग और जानवरों की चर्बी से घी तैयार किया जा रहा था। आरोपियों को गिरफ्तार कर फैक्टरी को सील कर दिया गया है। फरार शल्लो और शोहिल की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

छलेसर कट्टी खाने से लाते थे जानवरों की चर्बी

पुलिस के मुताबिक नकली घी बनाने की फैक्टरी चला रहे चांद बाबू ने पूछताछ में बताया कि वह छलेसर के कट्टी खाने से जानवरों के सींग और चर्बी टेंपो से रात में मंगाता था। सींग, खुर और चर्बी को भट्ठी पर पिघलाकर घी तैयार करते थे। यहां से फिरोजाबाद और सिकंदराराऊ के व्यापारी उनसे माल ले जाते थे।

23 रुपये किलो में होता है तैयार, 200 में बिकता है

वनस्पति घी और रिफाइंड मिलाते थे : चांदबाबू ने पुलिस को बताया कि वे जानवरों की चर्बी को चूल्हे पर उबालकर इसमें तय मात्रा में वनस्पति और रिफाइंड मिला देते हैं। एसेंस (खुशबू) की मिलावट के बाद यह हूबहू असली घी लगता है। उसने बताया कि छलेसर कट्टी खाने से चर्बी 18 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदता है। घी तैयार करने में कुल 23 रुपये प्रति किलोग्राम का खर्च आता है। जिसे वह व्यापारियों को 60 रुपये प्रति किलोग्राम बेचता है। यही घी व्यापारी डालडा में मिलाकर 200 प्रति किलोग्राम तक में बेचते हैं।

आसपास के जिलों में करते थे सप्लाई : पकड़े गए फैक्ट्री मालिक चांद बाबू ने पुलिस को बताया कि लंबे समय से नकली घी तैयार कर आसपास के जनपदों में सप्लाई किया जा रहा था। वे सप्लायरों के माध्यम से इसकी बिक्री कर देते थे ।
आरोपी चांद ने बताया की वह घी के साथ जानवरों की हड्डी का भी कारोबार करता है। चर्बी से बना घी फिरोजाबाद और सिकंदराराऊ के व्यापारी ले जाते हैं, तो हड्डी को आगरा शाहगंज का एक व्यापारी उससे खरीद कर ले जाता है। चांद हड्डी बगल में चल रहे कट्टी खाने और कई दूसरी जगहों से खरीदकर बेचता था।

आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज : एसओ खंदौली अरविंद सिंह निर्वाल के मुताबिक, खाद सुरक्षा अधिकारी त्रिभुवन नारायण की तहरीर पर गिरफ्तार आरोपितों सहित छह के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी (धारा 420), विक्रय के लिए आशयित खाद्य या पेय वस्तु का अपमिश्रण (धारा 272, 273) और असुरक्षित या संदूषित या अवमानक खाद्य (खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 26) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

विष्णुकांत शर्मा
वरिष्ठ संवाददाता आगरा

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