पढ़िए आज का राशिफल और पंचांग, 17 दिसंबर 2020

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*********|| जय श्री राधे ||*********
?? *महर्षि पाराशर पंचांग* ??
??? *अथ पंचांगम्* ???
*********ll जय श्री राधे ll*********
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*दिनाँक -: 17/12/2020,गुरुवार*
तृतीया, शुक्ल पक्ष
मार्गशीर्ष
“””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि ———तृतीया 15:17:12 तक
पक्ष ————————— शुक्ल
नक्षत्र —- उत्तराषाढा 19:12:12
योग ————–ध्रुव 16:02:03
करण ————-गर 15:17:12
करण ———वणिज 26:44:15
वार ————————-गुरूवार
माह ———————— मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि ——————- मकर
सूर्य राशि ————————धनु
रितु —————————-हेमंत
आयन ——————दक्षिणायण
संवत्सर ———————–शार्वरी
संवत्सर (उत्तर) ————-प्रमादी
विक्रम संवत —————-2077
विक्रम संवत (कर्तक)——2077
शाका संवत —————-1942

वृन्दावन
सूर्योदय —————–07:04:44
सूर्यास्त —————–17:26:18
दिन काल ————–10:21:33
रात्री काल ———— 13:39:00
चंद्रोदय —————-09:33:07
चंद्रास्त —————–20:14:07

लग्न —-धनु 1°25′ , 241°25′

सूर्य नक्षत्र ———————मूल
चन्द्र नक्षत्र ————–उत्तराषाढा
नक्षत्र पाया ——————–ताम्र

*??? पद, चरण ???*

भो —- उत्तराषाढा 07:32:46

जा —- उत्तराषाढा 13:21:13

जी —- उत्तराषाढा 19:12:12

खी —- श्रवण 25:05:49

खू —- श्रवण 31:02:08

*??? ग्रह गोचर ???*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
========================
सूर्य= धनु 01°22 ‘ मूल , 1 ये
चन्द्र = मकर 03°23 ‘ उoषा o’ 2 भो
बुध = वृश्चिक 29°07 ‘ ज्येष्ठा’ 4 यू
शुक्र= वृश्चिक 07 °55, अनुराधा ‘ 2 नी
मंगल=मीन 27°30 ‘ रेवती ‘ 4 ची
गुरु=मकर 05°22 ‘उ oषा o , 3 जा
शनि=मकर 05°43 ‘ उ oषा o ‘ 3 जा
राहू=(व)वृषभ 25°30 ‘मृगशिरा , 1 वे
केतु=(व)वृश्चिक 25°30 ज्येष्ठा , 3 यी

*???शुभा$शुभ मुहूर्त???*

राहू काल 13:33 – 14:51 अशुभ
यम घंटा 07:05 – 08:22 अशुभ
गुली काल 09:40 – 10:58 अशुभ
अभिजित 11:55 -12:36 शुभ
दूर मुहूर्त 10:32 – 11:13 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:41 – 15:22 अशुभ

?चोघडिया, दिन
शुभ 07:05 – 08:22 शुभ
रोग 08:22 – 09:40 अशुभ
उद्वेग 09:40 – 10:58 अशुभ
चर 10:58 – 12:16 शुभ
लाभ 12:16 – 13:33 शुभ
अमृत 13:33 – 14:51 शुभ
काल 14:51 – 16:09 अशुभ
शुभ 16:09 – 17:26 शुभ

?चोघडिया, रात
अमृत 17:26 – 19:09 शुभ
चर 19:09 – 20:51 शुभ
रोग 20:51 – 22:33 अशुभ
काल 22:33 – 24:16* अशुभ
लाभ 24:16* – 25:58* शुभ
उद्वेग 25:58* – 27:41* अशुभ
शुभ 27:41* – 29:23* शुभ
अमृत 29:23* – 31:05* शुभ

?होरा, दिन
बृहस्पति 07:05 – 07:57
मंगल 07:57 – 08:48
सूर्य 08:48 – 09:40
शुक्र 09:40 – 10:32
बुध 10:32 – 11:24
चन्द्र 11:24 – 12:16
शनि 12:16 – 13:07
बृहस्पति 13:07 – 13:59
मंगल 13:59 – 14:51
सूर्य 14:51 – 15:43
शुक्र 15:43 – 16:35
बुध 16:35 – 17:26

?होरा, रात
चन्द्र 17:26 – 18:35
शनि 18:35 – 19:43
बृहस्पति 19:43 – 20:51
मंगल 20:51 – 21:59
सूर्य 21:59 – 23:08
शुक्र 23:08 – 24:16
बुध 24:16* – 25:24
चन्द्र 25:24* – 26:32
शनि 26:32* – 27:41
बृहस्पति 27:41* – 28:49
मंगल 28:49* – 29:57
सूर्य 29:57* – 31:05

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*?दिशा शूल ज्ञान———————दक्षिण*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*? अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

3 + 5 + 1 = 9 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*? शिव वास एवं फल -:*

3 + 3 + 5 = 11 ÷ 7 = 4 शेष

सभायां = सन्ताप कारक

*?भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

रात्रि 26:50 से प्रारम्भ

पाताल लोक = धनलाभ कारक

*?? विशेष जानकारी ??*

* आशम तृतीया

*??? शुभ विचार ???*

वित्तेन रक्ष्यते धर्मो विद्या योगेन रक्ष्यते ।
मृदुना रक्ष्यते भूपः सत्स्त्रिया रक्ष्यते गृहम् ।।
।।चा o नी o।।

दान गरीबी को ख़त्म करता है. अच्छा आचरण दुःख को मिटाता है. विवेक अज्ञान को नष्ट करता है. जानकारी भय को समाप्त करती है.

*??? सुभाषितानि ???*

गीता -: आत्मसंयमयोग अo-06

तत्र तं बुद्धिसंयोगं लभते पौर्वदेहिकम्‌ ।,
यतते च ततो भूयः संसिद्धौ कुरुनन्दन ॥,

वहाँ उस पहले शरीर में संग्रह किए हुए बुद्धि-संयोग को अर्थात समबुद्धिरूप योग के संस्कारों को अनायास ही प्राप्त हो जाता है और हे कुरुनन्दन! उसके प्रभाव से वह फिर परमात्मा की प्राप्तिरूप सिद्धि के लिए पहले से भी बढ़कर प्रयत्न करता है॥,43॥,

*?? दैनिक राशिफल ??*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

?मेष
स्थायी संपत्ति की खरीद-फरोख्त से बड़ा लाभ हो सकता है। प्रॉपर्टी ब्रोकर्स समय का लाभ ले सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। धनार्जन सुगम होगा। उत्साह व प्रसन्नता से काम कर पाएंगे। व्यस्तता रहेगी। थकान संभव है।

?वृष
पठन-पाठन व लेखन आदि कामों में मन लगेगा। सफलता प्राप्त होगी। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। मस्तिष्क में नए-नए विचार आएंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। प्रसन्नता में वृद्धि होगी।

?मिथुन
कम मेहनत से ही कार्यसिद्धि होगी। काफी समय से रुके कार्य पूर्ण होने से प्रसन्नता रहेगी। कार्य की प्रशंसा होगी। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। किसी अपने नजदीकी से कहासुनी हो सकती है। हृदय को ठेस पहुंच सकती है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। काम में उत्साह की कमी रहेगी।

?कर्क
घर में भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय में गति आएगी। निवेश आदि मनोनुकूल लाभ देंगे। प्रमाद न करें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। भागदौड़ रहेगी। मानसिक उलझनें रहेंगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। फालतू बातों पर ध्यान न दें।

?सिंह
नए मित्र बनेंगे। नए कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। अच्‍छी खबर मिलने से प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। आय में वृद्धि होगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। किसी भी तरह के विवाद में भाग न लें। व्यापार-व्यवसाय में लाभ वृद्धि होगी। प्रसन्नता बनी रहेगी।

?‍♀️कन्या
भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। नौकरी में कार्यभार रहेगा। कारोबार अच्‍छा चलेगा। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। प्रमाद न करें।

⚖️तुला
आर्थिक नीति का परिवर्तन सुखद रहेगा। कई तरह के लाभ प्राप्त होंगे। किसी बड़े कार्य को करने की योजना बनेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नए काम मिल सकते हैं। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। उत्साह व प्रसन्नता से काम कर पाएंगे। दूसरों की बातों में न आएं।

?वृश्चिक
महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है। समय शीघ्र ही बदलेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेंगे। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में लापरवाही न करें। शारीरिक कष्ट संभव है। दूसरों के उकसाने में न आएं।

?धनु
शारीरिक कष्ट की आशंका प्रबल है अत: लापरवाही न करें। अध्यात्म तथा तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। किसी विद्वान व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। लंबित कार्य पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। चिंता तथा तनाव में कमी रहेगी।

?मकर
व्ययवृद्धि होगी। बजट बिगड़ेगा। दूसरों से अपेक्षा पूरी नहीं होगी। कार्य की गति धीमी रहेगी। नौकरी में कार्यभार रहेगा। थकान व कमजोरी रह सकती है। धैर्यशीलता में कमी रहेगी। किसी व्यक्ति की अच्छी बात भी बुरी लग सकती है। सोच-समझकर महत्वपूर्ण निर्णय लें।

?कुंभ
रुका पैसा मिल सकता है। यात्रा में जल्दबाजी न करें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। सभी कार्य पूर्ण व सफल रहेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। उत्साह बना रहेगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें। प्रमाद न कर भरपूर प्रयास करें। वाहनादि का प्रयोग संभलकर करें।

?मीन
पारिवारिक मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। कुंआरों को वैवाहिक प्रस्ता‍व मिल सकता है। नौकरी में प्रमोशन इत्यादि मिल सकता है। घर-बाहर उत्साह व प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें। प्रमाद न करें। फालतू बातों पर ध्यान न दें।

?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599

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