हमारे सब्र का इंतिहान न ले सरकार – भारतीय किसान यूनियन

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महोबा 14 दिसम्बर। भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने किसानों के पुराने तौर तरीको को अपनाते हुये आन्दोलन का रास्ता अपनाया है। वे बैलगाडि़यों पर सवार होकर शहर के शेखूनगर पहुंचे और डिग्री कॉलेज के नजदीक उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया है। किसान यूनियन का कहना है कि सरकार अन्नदाता के धैर्य का इंतिहान ले रही है, उन्होंने कहा कि किसानों के सब्र की परीक्षा न ली जाये, तो ही बेहतर है। किसान हर मौसम में खेतों पर रहता हे विपरीत परिस्थितियों का उस पर कोई प्रभाव नही पड़ता किसान विपरीत परिस्थितियों के पार पाने के तरीके जानता है, लिहाजा सरकार उससे न उलझे, वरन उनकी मांगे मान ले अन्यथा की स्थिति में भारतीय किसान यूनियन लोकतांत्रिक चले आ रहे आन्दोलन के रास्ते को बदल भी सकता है।

शहर के शेखूनगर व डिग्री कॉलेज से भारतीय किसान यूनियन का शुरू हुआ किसान प्रदर्शन नारेबाजी करते हुये सांसद के आवास तक पहुंचा है और यहां उन्होंने सांसद के घर के नजदीक पहुंचकर नारेबाजी की । वे मांग कर रहे थे कि सरकार द्वारा लाये गये कृषि बिल को अतिशीघ्र वापस लिया जाये एमएसपी किसानों के साथ पूरी तरह से धोखेबाजी है। किसान सरकार की मंशा और चालक को बेहतर तरीके से समझ जाने के बाद आन्दोलन के रास्ते पर आया है। जबरदस्त ठण्ड के बीच किसान अभी भी सड़कों पर डटा हुआ है कई किसानों की अब तक हालत खराब हो चुकी है इलाज के लिये उन्हें निकट के स्वास्थ्य केन्द्रों में ले जाया जा रहा है लेकिन इन सब के बाद भी किसान अपने इरादे को लेकर अडिग है। उधर सांसद के घर का घिराव करने के बाद भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने सांसद प्रतिनिधि और उपजिला अधिकारी सदर को मांग के समर्थन में ज्ञापन सौंपे है। हालांकि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का रवैया किसान और उनके संगठनों के प्रति सहयोग आत्मक रहा है।

राष्ट्रीय जजमेंट के लिए महोबा से काजी आमिल की रिपोर्ट

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