पुरानी परंपराएं आज भी जिंदा है: ओमी
लखनऊ: पारंपरिक त्यौहार सिंधी समाज आज भी अपने अपने घरों में पूरे उत्साह व उमंग के साथ पूरे देश मे मनाता है कार्तिक माह में प्रारंभ हुए सगड़ा पर्व का समापन सोमवार को हुआ सगड़ा पर्व पर ज्वार व आटे के गुड़-चीनी से बना चूरमा, सरसों का साग, ज्वार की गुड़ से बनी मोटी रोटी, आलू ,मट्ठा व अचार और सलाद प्रसाद के रूप में मुख्य रूप से परोसा जाता है देश के सभी राज्यों में सिंधी समाज के लोगों ने अपने अपने घरों में विभिन्न प्रकार के सिंधी व्यंजनों को तैयार कर भगवान शंकर की आराधना कर मनाया यह पर्व कार्तिक माह के प्रत्येक सोमवार को मनाया जाता है|
बीते सोमवार को इस पर्व का समापन हुआ पर्व का दूसरा चरण मकर सक्रांति यानी 14 जनवरी से पूरे देश में प्रारंभ होगा उत्तर प्रदेश सिंधी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश ओमी ने लखनऊ स्थित गोमती नगर के विशाल कुकरेजा के आवास पर सगडा पर्व का प्रसाद ग्रहण करते हुए कहा कि सिंधी समाज के पर्व पुरानी संस्कृति से जुड़े हुए हैं प्रदेश अध्यक्ष ओमी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि धीरे धीरे समाज कि नई पीढ़ी का फोकस पारंपारिक त्यौहारों व व्यंजनों पर ना होकर चाइनीज खाद्य पदार्थों की ओर जा रहा है जोकि गंभीर विषय है उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे शहरों में फिर भी पुरानी परंपराएं जिंदा है लेकिन बड़े शहरों में पुरानी परंपराएं धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही हैं जो कि समाज के लिए खतरे के संकेत हैं |