पर्यटन हब के तौर पर विकसित होगा कीरत सागर : डीएम

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महोबा 24 अक्टूबर । आने वाले दिनों में एतिहासिक कीरत सागर सरोवर को पर्यटन हव के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि शैलानी इस ओर रुख कर सकेगें इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा और पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होगी। जिला मजिस्ट्रेट ने तालाब के सुंदरीकरण के लिए पुरातत्व विभाग द्वारा कराये जा रहे काम का निरीक्षण किया है, और इसे पर्यटन हब के रूप में विकसित करने के लिए विभिन्न संभावनाओं को तलाशने के उददेश्य से आल्हा की बैठक और कीरत सागर तट आदि स्थानों का उन्होंने भ्रमण भी किया है।
इतिहासिक कीरत सागर का सुंदरीकरण पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है और इसके सुंदरीकरण पर धनराशि खर्च की जा रही है। इसे इस अनुरूप ढाला जाएगा कि शैलानी इसकी सुंदरता और एतिहासिक महत्व की इमारतों को देखने के लिए यहां बरबस आकर्षित हों, इसी को दृष्टिगत रखते हुऐ इतिहासिक कीरत सागर सरोवर और उसको तटबंध को पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जाएगा इससे लोगों को रोजगार के नये अवसर भी उपलब्ध हो सकेगें और शैलानियों का आकलन कीरत सागर की तरफ बढ़ेगा।
जिला मजिस्ट्रेट सत्येन्द्र कुमार ने इन्हीं संभावनाओं को मददेनजर रखते हुए पिछले दिनों कीरत सागर का भ्रमण किया है। उन्होंने आल्हा कि बैठक और कीरत सागर तटबंध को घूम-घूमकर देखा है। फिलहाल यहां पुरातत्व विभाग द्वारा सुंदरीकरण का काम किया जा रहा है इसके लिए शासन द्वारा धन का आवंटन किया है बीते वर्षो में भी एतिहासिक कीरत सागर तटबंध का विकास किया गया था। यहां तटबंध की सीढ़ियों को जहां आलीशान लाल पत्थरों से निर्मित कराया गया वही तटबंध की सड़क को उम्दा किस्म के पत्थर लगाकर आलीशान बनाया गया है, शैलानी कीरत सागर तटबंध की जलराशि का दूधिया रोशनी में आनंद प्राप्त कर सके इसके लिए यहां तटबंध पर एलईडी लाइटे लगायी गयी थी।
हालांकि रखरखाव के अभाव में सीढ़ियों के पत्थर उखड़ने लगे है और तमाम एलईडी लाइट अब जलती भी नहीं है कीरत सागर सरोवर को जाने वाले रास्ते पर पत्थर लगाये गये थे जो अपने लगने के कुछ दिनों के बाद ही दुर्दशा को प्राप्त हो गये, हालांकि एक बार फिर एतिहासिक कीरत सागर और उसके तटबंध के सजने, संवरने की संभावनाए प्रबल हुयी है और उसकी सुंदरता पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है उम्मीद की जा रही है कि एक बार फिर कीरत सागर शैलानियों का सम्मोहन एक बार फिर हासिल करने में कामयाब होगा।
राष्ट्रीय जजमेंट के लिए महोबा से काजी आमिल की रिपोर्ट

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