मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं और बच्चियों के अपराधियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई, 2 दिन मे 14 बलात्कारियों को फासी व 20 को उम्रकैद

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योगी सरकार के मिशन शक्ति अभियान ने महिलाओं और बच्चियों के अपराधियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए नवरात्र के पहले दिन से शुरू हुए अभियान के तहत अब तक 14 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है।
यूपी में मिशन शक्ति शुरू होने पर प्रदेश सरकार ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध करने वाले को मिली सजा के आंकड़े जारी किए हैं। जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक साल में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध करने वाले 14 दोषियों को फांसी की सजा करवाई गई है। ये सजा 11 मामलों में हुई है।
22 अभियुक्तों को जेल और जुर्माने की सजा
अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि आठ मामलों में 22 अभियुक्तों को जेल और जुर्माने की सजा करवाई गई है। इस दौरान ऐसे 28 मामलों में ट्रायल ही नहीं शुरू हो पा रहा था। इनमें 30 अभियुक्तों को अपराधों की पत्रावलियां सुपुर्द करवाई गई हैं। महिला और बच्चों के खिलाफ अपराध से जुड़े 88 मामलों में 117 अभियुक्तों की जमानत खारिज करवाई गई। वहीं, 41 गुंडों को जिला बदर भी करवाया गया।
20 को आजीवन कारावास
वहीं, 11 मामलों में 20 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा भी करवाई गई, 54 मामलों में 62 अभियुक्तों की फाइलें सुपुर्द करवाई गईं। 101 गुंडों को जिला बदर कर 347 अभियुक्तों की जमानतें खारिज करवाई गईं। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मिशन शक्ति के दौरान महिलाओं और बच्चों से अपराध करने वालों पर और शिकंजा कसने के साथ अभियोजन कार्यवाही और तेज की जाएगी।
इन जिलों के हैं मामले
अभियोजन विभाग ने बेहतर पैरवी कर दोषियों को फांसी की सजा करवाई, उनमें औरैया, हापुड़, मुजफ्फरनगर, लखनऊ, अमरोहा, बरेली और रामपुर के कुल 14 अभियुक्त शामिल हैं। लखनऊ में छह वर्षीय बच्ची का रेप और हत्या करने के दोषी बबलू को फांसी की सजा करवाई गई। इसी तरह महोबा, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, बलिया, मुजफ्फरनगर, बरेली, सीतापुर, फतेहपुर, प्रतापगढ़, मथुरा और महाराजगंज में महिलाओं व बालिकाओं के साथ अपराध करने वालों को आजीवन कारावास की सजा करवाई गई।

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