सुपर ह्यूमन’ यानी ‘महामानव’ कहे जाने की वजह है डिविलियर्स के बल्ले से सोमवार को निकले छह ज़बरदस्त छक्के. पांच तूफ़ानी चौके और कुल 73 रन. सिर्फ़ 33 गेंद में. वो भी आउट हुए बिना.
कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ दूसरे छोर पर खड़े होकर डिविलियर्स का ये धमाका देखने के बाद विराट कोहली शायद उनके लिए कोई और नाम या उपमा खोज भी नहीं सकते थे.डिविलियर्स ने आतिशी बल्लेबाज़ी पहले भी की है. वो ऐसे ही खेल के लिए मशहूर हैं.उनके बल्ले से इससे भी बड़ी पारियां निकली हैं. आईपीएल में ही वो तीन शतक जमा चुके हैं. क्रिकेट के साथ रग्बी, गोल्फ और टेनिस का भी उम्दा खिलाड़ी होने के नाते यूं भी वो बाकी तमाम खिलाड़ियों से कुछ पायदान ऊपर रखे जाते हैं.
अगर सिर्फ़ क्रिकेट की बात करें तो उन्हें ‘360 डिग्री प्लेयर’ या ‘मिस्टर 360’ कहा जाता है.यानी एक ऐसा बल्लेबाज़ जो किसी भी गेंद को मैदान की किसी भी दिशा और किसी भी कोने में मार सकता है.लेकिन, सोमवार को वो इन खूबियों में नई खूबी जोड़कर इंसानों के बीच ‘सुपर ह्यूमन’ नज़र आए. उन्होंने बल्ले से रनों की बरसात उस पिच पर की जहां बाकी सारे बल्लेबाज़ अपना तमाम हुनर झोंककर भी एक-एक रन बनाने के लिए जूझ रहे थे.शारजाह की पिच धीमी थी. वहां कोहली, एरोन फिंच, इयॉन मोर्गन और आंद्रे रसेल जैसे बिग हिटर्स तालमेल बिठाने में संघर्ष कर रहे थे लेकिन डिविलियर्स के बल्ले से रनों के पटाखे फूट रहे थे.ख़ुद कोहली ने कहा, “एक सुपर ह्यूमन को छोड़कर इस पिच पर हर बल्लेबाज़ ने संघर्ष किया
.शारजाह की इस पिच पर बाउंड्री तक जाने वाले शॉट खेलना बहुत मुश्किल था. अगर आप पूछें कि कितना मुश्किल था, तो जवाब ये है कि डिविलियर्स के साथ सात ओवर चार गेंद तक बल्लेबाज़ी करने वाले कोहली ने 28 गेंदें खेलीं और वो सिर्फ़ एक चौका जड़ पाए.वहीं, डिविलियर्स ने 11 बार गेंद को बाउंड्री के बाहर भेजा. छह बार हवा के रास्ते और पांच बार गेंद ज़मीन से टकराते हुए बाउंड्री के बाहर गई. उनके बल्ले से निकला एक छक्का तो ऐसा ज़बरदस्त था कि गेंद मैदान पार कर सड़क तक जा पहुंची.अगर तुलना करें तो बैंगलोर के बाकी सभी बल्लेबाज़ों ने मिलाकर 11 बाउंड्री (नौ चौके और दो छक्के) लगाईं और कोलकाता के सारे बल्लेबाज़ मिलकर गेंद को 10 बार ही बाउंड्री (आठ चौके और दो छक्के) के बाहर भेज सके
.बैंगलोर के कप्तान विराट कोहली इसी वजह से अपने स्टार बल्लेबाज़ डिविलियर्स पर निसार थे. वो गदगद थे.मैच के बाद विराट कोहली ने कहा, “ये अविश्वसनीय पारी थी. मुझे लग रहा था कि मैं कुछ गेंद खेल चुका हूं और अब हमला करना शुरू कर सकता हूं. लेकिन एबी ने जो किया, वो वही कर सकते थे. हम 160-165 के स्कोर तक पहुंचना चाहते थे लेकिन ये जीनियस हमें 195 तक ले गया (बैंगलोर ने दो विकेट पर 194 रन बनाए थे). मैं सबसे उम्दा जगह से उनकी पारी देख रहा था.”बैंगलोर ने 15 ओवर तक 111 रन बनाए थे. आखिरी पांच ओवर में स्कोर में 83 रन और जुड़ गए. मैच की कमेंट्री कर रहे भारत के पूर्व ओपनर सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज भी डिविलियर्स की बल्लेबाज़ी का अंदाज़ देखकर उन्हें ‘जीनियस’ बता रहे थे.
कोलकाता के कप्तान दिनेश कार्तिक ने भी माना कि उनके पास डिविलियर्स को रोकने का कोई प्लान नहीं था.कार्तिक ने कहा, “एबी विश्व स्तरीय खिलाड़ी हैं. उन्हें रोकना मुश्किल है. वही दोनों टीमों के बीच का अंतर थे. हमने हर तरकीब आज़माई. लेकिन इनस्विंगिंग यॉर्कर के अलावा हर गेंद मैदान के बाहर गई.”डिविलियर्स पर निसार होने और उन्हें ‘सुपर ह्यूमन’ या ‘जीनियस’ बताने की कुछ और वजहें भी हैं. उनकी उम्र 36 साल और आठ महीने हो चुकी है. ट्वेंटी-20 के फॉर्मेट में इस उम्र के ज़्यादातर खिलाड़ी संघर्ष करते दिखते हैं. उन्होंने आखिरी इंटरनेशनल मैच करीब ढाई साल पहले खेला था.
टूर्नामेंट की शुरुआत में उन्होंने बताया था कि आईपीएल के पहले उन्हें प्रैक्टिस का ज़्यादा मौका नहीं मिला है. लेकिन वो दूसरे किसी भी खिलाड़ी से इक्कीस नज़र आ रहे है. आईपीएल-13 में डिविलियर्स ने दूसरी बार मैन ऑफ़ द मैच पुरस्कार हासिल किया है. इसके पहले मुंबई इंडियन्स के ख़िलाफ़ उन्होंने 24 गेंद में नाबाद 55 रन बनाए थे. लेकिन वो पिच बल्लेबाज़ी के लिए इतनी मुश्किल नहीं थी.
डिविलियर्स ने सोमवार की पारी के बारे में कहा, “मैं यही कह सकता हूं कि मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं. पिछले मैच में मैं ज़ीरो पर आउट हो गया था. तब बहुत बुरा लगा था. खुशी है कि मैं (टीम के लिए) योगदान दे सका. ईमानदारी से कहूं तो आज मैंने खुद को भी हैरान कर दिया.”यानी महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स के ख़िलाफ़ डिविलियर्स ने जो गंवाया था, उसकी वसूली उन्होंने दिनेश कार्तिक की कोलकाता नाइट राइडर्स से कर ली. कार्तिक की टीम इस रात को शायद ही याद रखना चाहे.