सियासी घमासान के बाद मुस्कुराकर एक दूसरे से कुछ यूँ मिले गहलोत-पायलट

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अभी तक बागी तेवर अपनाए और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार के लिए संकट बने सचिन पायलट की पार्टी में वापसी के साथ उनके और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ विवादों का पटाक्षेप होता दिख रहा है। करीब एक महीने चले इस संकट के दौरान दोनों नेताओं के बीच गंभीर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था, लेकिन आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले दोनों नेता हाथ मिलाते हुए दिखाई दिए। बता दें कि शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने बीते दिनों सचिन पायलट से मुलाकात की थी और पार्टी में उनकी वापसी सुनिश्चित की थी। इस दौरान कांग्रेस आलाकमान ने पायलट की ओर से उठाए गए मुद्दों के निपटारे के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने का एलान किया था, जिसका पायलट और गहलोत दोनों ने स्वागत किया था। अब सत्र से एक दिन पहले दोनों की ‘खुशनुमा’ मुलाकात को देख कर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी संतुष्ट होगा।
जब गहलोत ने पायलट को कहा था नाकारा और निकम्मा
बता दें कि जब पायलट और गहलोत के बीच विवाद चरम पर था तब गहलोत ने भाषायी मर्यादाओं को तार-तार करते हुए पायलट पर कई आरोप लगाए थे। यहां तक कि वह पायलट को नाकारा और निकम्मा तक कह गए थे। गहलोत ने कहा था, हमने कभी सचिन पायलट पर सवाल नहीं उठाया, लेकिन पायलट ने ही कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपा। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि एक भोले चेहरे के पीछे ऐसा साजिश करने वाला होगा।
गहलोत ने कहा था, ‘हम जानते थे कि वो निकम्मा है, नाकारा है और कुछ काम नहीं कर रहा है। खाली लोगों को लड़वा रहा है। लेकिन मैं यहां बैंगन बेचने नहीं आया हूं, मुख्यमंत्री बनकर आया हूं।’ गहलोत ने पायलट पर भाजपा से मिले होने का आरोप भी लगाया था। बता दें कि दोनों के बीच विवाद और पायलट के बागी तेवरों को देखते हुए पार्टी ने सचिन पायलट को प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया था

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