महंत नृत्य गोपाल दास कोरोना संक्रमित, संपर्क में आए थे पीएम मोदी और सीएम योगी, मचा हड़कंप

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के कोरोना संक्रमित होने से गुरुवार को अयोध्या में हड़कंप मच गया है। उनके मणिरामदास छावनी आश्रम को सैनिटाइज करने के साथ उनके उत्तराधिकारी समेत अन्य साधु-संतों को होम क्वारंटीन करने के इंतजाम किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन का कहना है कि जिन्हें थोड़ा सा भी संक्रमण का अंदेशा हो या असर दिख रहा हो वे तत्काल सूचना दें ताकि जांच कराई जा सके। पिछले 10 दिनों के भीतर महंत नृत्य गोपाल दास के संपर्क में आए लोगों की सूची बहुत लंबी है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन और शिलान्यास समारोह के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नृत्य गोपाल दास से आशीर्वाद लेने वालों में शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने चेहरे से अपना मास्क नहीं उतारा था। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मास्क पहने हुए थे।
समारोह में पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित प्रदेश सरकार के कई मंत्री, मुख्य सचिव आर के तिवारी, प्रमुख सचिव गृह एके अवस्थी समेत दर्जनों बड़े अफसर और ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय समेत तमाम ट्रस्टी सैकड़ों साधु संत के अलावा राम मंदिर के लिए दान देने आए तमाम विधायक- समाजसेवी आदि शामिल हुए थे। इसके पहले महंत नृत्यगोपाल दास से मिलने व राम मंदिर निर्माण में दान देने के हर रोज बड़ी संख्या में लोग आते रहे हैं।
महंत नृत्यगोपाल दास के स्वास्थ्य की सलामती के लिए अयोध्या में अनुष्ठान शुरू महंत नृत्यगोपाल दास के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उनके स्वास्थ्य की सलामती के लिए अयोध्या में धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए तीन दिवसीय अमोघ मृत संजीवनी व मृत्युंजय महामंत्र से विशेष यज्ञ आहुति दी जा रही है। महंत नृत्यगोपाल दास कृष्ण जन्मोत्सव में शामिल होने के लिए 11 अगस्त को मथुरा गए थे।
वहीं, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने भी उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। उन्होंने महंत नृत्य गोपाल दास को गुरू तुल्य बताया और कहा कि वह उनकी दीर्घायु के लिए हनुमान जी से खुद प्रार्थना करेंगे। शनिवार को बड़े हनुमान मंदिर में सुंदरकांड का पाठ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी साधु-संतों की इच्छा है कि राम मंदिर का उद्घाटन उनके ही हाथों हो। इसके लिए सभी साधु-संत अपने-अपने मठ मंदिरों में उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए पूजा करेंगे।

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