गोरखपुर बाढ़ संकट: राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर, गांवो में डर का महौल

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गोरखपुर में राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर पहुंच गया है। इससे बाढ़ का खतरा गहरा गया है। तटबंधों पर जबरदस्त दबाव है। केंद्रीय जल अयोग से मिले आंकड़ों के मुताबिक, राप्ती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शनिवार की सुबह आठ बजे इस नदी का जलस्तर 76.04 मीटर रिकार्ड किया गया था। शाम चार बजे तक भी नदी उफान पर थी। राप्ती नदी के खतरे का निशान 74.98 मीटर है।
घाघरा नदी का जलस्तर अयोध्या में 92.70 मीटर रिकार्ड किया गया, जो खतरे के निशान से नीचे है। यह नदी गोरखपुर से होकर बहती है। रोहिन नदी का जलस्तर भी बढ़ा है। यह नदी तिरमुहानी घाट पर 83.13 मीटर पर बह रही है, जबकि खतरे का निशान 82.44 मीटर है। कुआनो नदी का जलस्तर मुखलिशपुर में 77. 96 मीटर रिकार्ड किया गया। खतरे का निशान 78.65 मीटर है। गोर्रा नदी का जलस्तर भी बढ़ा है। इसका जलस्तर 70.95 मीटर रिकार्ड किया गया। खतरे का निशान 70.50 मीटर है।
बाढ़ खंड-2 अधिशासी अभियंता रूपेश कुमार खरे ने बताया कि बांधों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। जेई, एई के अलावा दूसरे कर्मचारी भी डटे हैं। हर बांधों के स्टोर पर निर्माण सामग्री रखी है। कहीं भी रिसाव होने पर तत्काल मरम्मत कर उसे ठीक कर लिया जाएगा।
राप्ती नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण अब तक जनपद के 83 गांव प्रभावित हो गए हैं। ग्रामीणों के सुरक्षित आवागमन के लिए इन गांवों में 126 नावें लगाई गईं हैं। बाढ़ के पानी से 3957 हेक्टेयर क्षेत्रफल की 29,429 लोगों की आबादी प्रभावित हुई है। वहीं, प्रशासन की तरफ से स्थापित सभी 86 बाढ़ चौकियों ने कार्य करना शुरू कर दिया है।
अब तक बाढ़ का सर्वाधिक असर सदर तहसील क्षेत्र में देखा गया है। इस तहसील में लोगों के बचाव के लिए 63 नावों को लगाया गया है। इसके बाद सहजनवां में 30, गोला में आठ, खजनी में छह, चौरीचौरा में चार, कैंपियरगंज में सात नावों को लगाया गया है। सबसे कम बांसगांव तहसील प्रभावित है। यहां पर केवल तीन नावों को लगाया गया है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राशन वितरण का होगा ई-टेंडर
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरण के लिए ई-टेंडर का प्रावधान किया गया है। इसके माध्यम से पैकेट तैयार किए जाएंगे। एक पैकेट में पांच व्यक्ति के औसत से एक सप्ताह के लिए 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, पांच किलो लाई, दो किलो ग्राम भुना चना, दो किलो अरहर की दाल, 500 ग्राम नमक, 250-250 ग्राम हल्दी, मिर्च एवं धनिया का पैकेट होगा। इसके अलावा पांच लीटर केरोसिन का तेल, एक पैकेट मोमबत्ती, माचिस एक पैकेट, बिस्कुट, एक लीटर रिफाइंड, तेल, दो नहाने के साबुन, 10 क्लोरिन की गोलियां होंगी। इसकी कुल लागत 1365 प्रति किट की दर निर्धारित की गई है। प्लाटिक के तिरपाल की लागत 150 रुपये निर्धारित की गई है।

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