भाजपा जिला मंत्री ने किया अपहरण, मांगी 1 करोड़ की फिरौती, बड़े-बड़े दिग्गज नेताओ के साथ है सम्बन्ध

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फिरौती के लिए अपहरण में पकड़े जाने पर सत्यम सिंह चौहान का चौंकाने वाला चेहरा उजागर हुआ है। आमतौर पर व्यवहार में शिष्ट व शालीनता की वजह से हर कोई उसके इस कृत्य पर दंग है। भाजपा कार्यकर्ता के रुप में पहचान बनाने के बाद फरवरी माह में उसे जिला मंत्री का दायित्व सौंपा गया। इसके पहले उसके पास भाजपा के आईटी सेल प्रभारी की जिम्मेदारी थी। मंगलवार को पुलिस ने उसे पकड़ा तो लोग दंग रहे गए।
मूल रुप से मूसानगर के गुलौली गांव निवासी सत्यम सिंह चौहान वर्तमान में अकबरपुर में माती रोड पर बीएसए दफ्तर के सामने बने मकान में रहता था। उसने बीएससी तक पढ़ाई की है। इस समय वह मोहम्मदपुर गांव के पास एक ढाबा संचालित कर रहा था। साथ ही भाजपा कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय है। भाजपा जिलाध्यक्ष राहुल अग्रिहोत्री के समय वह आईटी सेल प्रभारी के रुप में काम करता था। इसके बाद भाजपा में जिले की कमान अविनाश सिंह चौहान को मिली तो उन्होंने जिले की कार्यकारिणी का नए सिरे से गठन किया।
इसमें सत्यम सिंह चौहान को बतौर जिलामंत्री जिम्मेदारी सौंपी गई। हर कार्यक्रम में मौजूद रहने व हमेशा सक्रिय रहने पर पार्टी के लोग उसे पसंद कर रहे थे। जिले में कई अफसरों के जन्मदिन पर बधाई देते हुए व शिष्टाचार भेंंट के दौरान की उसकी फोटो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही हैं। वहीं भाजपा के राष्ट्रीय से लेकर क्षेत्रीय नेताओं के साथ भी उसकी फोटो सोशल मीडिया में डाली जा रही हैं। हालांकि उसके पकड़े जाने के बाद भाजपाई उससे किनारा करते नजर आ रहे हैं। फिलहाल उसने अपने फेसबुक में जुलाई माह में भाजपा कार्यक्रमों में शामिल होने की फोटो व होर्डिंग पोस्ट की है। भाजपा के जिलाध्यक्ष अविनाश सिंह चौहान उसे हटाने की बात कह रहे हैं।
अपने सख्त रुख के लिए चर्चित एसपी अनुराग वत्स इस घटना से बेहद खफा हैं। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि ऐसी कार्रवाई होगी नजीर बन जाएगी। अपरहण की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने एएसपी अनूप कुमार व सीओ संदीप सिंह को लगाने के साथ खुद पल-पल की मानीटरिंग की। उन्होंने इन अफसरों के अलावा तीन टीमों का गठन किया गया था। पुलिस के सामने चुनौती अपहृताओं को सकुशल बचाने की थी। पुलिस के सक्रिय होने की भनक लगते ही अपहरणकर्ता दोनों को लेकर जिले से बाहर जाने के फिराक में थे। एसपी ने इस सफल आपरेशन पर पुलिस टीम को बधाई देने के साथ 50 हजार का ईनाम दिलाने के लिए आईजी को प्रस्ताव भेजने की बात कही है।
पुलिस के मुताबिक सत्यम व पंकज के पकड़े जाने के बाद अभी कई और चेहरे बेनकाब होंगे। पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम में शामिल लोगों के बावत पड़ताल शुरू कर दी है। ऐसे लोगों को चिन्हित कर रही है जो सत्यम व पंकज के करीबी रहे हैं। एसपी ने बताया कि पंकज कुछ मीडियाकर्मियों के साथ भी अक्सर बतौर मीडियाकर्मी ही नजर आता था। कई बार वह प्रेस कांफ्रेंस में भी शामिल हुआ है। उसके पकड़े जाने के बाद अब उन लोगों पर नजर है जो इन्हें शरण देते थे। साथ ही इनका पहले का भी विवरण जुटाने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल इनका कोई अपराधिक इतिहास नहीं मिला है।
रोहित का था आइडिया, सत्यम ने किया काम
मूल रूप से बिहार का रहने वाला रोहित सिंह दिल्ली में रोहणी क्षेत्र में छोटी फैक्टरी संचालित करता था। चमत्कारिक घटनाओं व ऐसी वस्तुओं में विश्वास रखने वाले रोहित की जान पहचान सत्यम सिंह चौहान से दिल्ली में हो गई। इसके बाद दोनों से बात होने लगी। रोहित ने सत्यम से बात करके मध्य प्रदेश के ज्योतिषी के अपहरण की योजना बनाई। सत्यम ने गाड़ी उपलब्ध कराने से लेकर उसे रखने का इंतजाम करने की तैयारी की। साथ ही अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पूरी योजना पर काम किया।
तीन आरोपियों को पकड़े जाने व अपहृत ज्योतिषी व उसके चालक को सकुशल बरामद करने के बाद भी कई अनसुलझे सवाल हैं जिनके जवाब पुलिस ने स्पष्ट नहीं दिए हैं। सबसे बड़ी बात है कि तीन दिन तक दोनों को कहां रखा गया। यह बात साफ नहीं हो सकी है। इसमें कितने और लोग शामिल हैं। यह भी पुलिस नहीं बता सकी। ज्योतिषी की कार को नबीपुर के हाइवे प्वाइंट होटल में पार्क किया गया था। वहां तीन दिनों तक कोई कार लेने नहीं गया फिर भी उसने इसकी चर्चा तक स्थानीय पुलिस से नहीं की। जबकि होटल संचालकों को इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लगातार निर्देशित किया जाता है। एसपी ने इन सवालों पर कहा कि दोनों को रिमांड में लेकर पूछताछ करने के बाद पूरी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

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